यूपी कॉलेज के छात्रों ने वक्फ बोर्ड को भेजा नोटिस, 15 दिनों के भीतर मांगा जवाब, पूछा – कैंपस के 3 किमी में कितनी जमीन आपके पास, कागज दिखाइए

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वाराणसी। यूपी कॉलेज के परिसर में वक्फ बोर्ड के विवादों के बीच छात्रों ने बुधवार को मीटिंग कर नई रणनीति बनाई है। छात्रों ने ‘छात्र अदालत’ का गठन कर इस मामले की जांच करने का फैसला किया है। तीन जजों की नियुक्ति की गई, जिनमें युवा परिषद के प्रदेश प्रमुख विवेकानंद सिंह, छात्रसंघ अध्यक्ष सुधीर सिंह, और शिवम सिंह बाबू शामिल हैं। छात्रों ने वक्फ बोर्ड को 11 बिंदुओं का नोटिस भेजा है और 15 दिनों के अंदर जवाब की मांग की है।

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वक्फ बोर्ड से पूछे गए सवाल

छात्र अदालत ने वक्फ बोर्ड से विभिन्न सवाल पूछे हैं, जिनमें शामिल हैं:

1.    वक्फ बोर्ड के पास बनारस की कितनी जमीनों पर कब्जा है और उनके कागज क्या हैं?

2.    सड़कों पर मजार बनाने का क्या कारण है और किसके आदेश से यह हुआ?

3.    यूपी कॉलेज के 3 किलोमीटर के दायरे में जितनी भी मस्जिदें और मजारें हैं, उनके मुतवल्ली और प्रबंधकों के नाम और नागरिकता का विवरण।

4.    मजारों और मस्जिदों का पैसा कहां से आता है, और उस पर अब तक खर्च क्या हुआ है?

5.    यह मजारें और मस्जिदें किस हिंदू मंदिरों को तोड़कर बनाई गई हैं?

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वक्फ बोर्ड के खिलाफ आरोप

छात्रों ने वक्फ बोर्ड पर आरोप लगाया कि वह भारत में भूमि कब्जा करने का संगठित गिरोह है, जिसका उद्देश्य भारत में इस्लामी राज्य स्थापित करना है। सुधीर सिंह और विवेकानंद सिंह ने कहा कि वक्फ बोर्ड को अब कागज दिखाने होंगे, और यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो छात्रों का कब्जा किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी सेकुलर नेता इस मामले में दखल नहीं देगा।

वक्फ बोर्ड के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी

छात्र अदालत ने वक्फ बोर्ड को सख्त चेतावनी दी है कि अगर वे नोटिस का जवाब नहीं देते, तो छात्रों का विरोध और तेज हो जाएगा। छात्र अदालत द्वारा की जा रही जांच को लेकर छात्रों का कहना है कि यह बनारस की संस्कृति और जमीन की रक्षा करने के लिए आवश्यक है।

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