ग्लोबल वार्मिंग से बचने के लिए निरंतर पौधरोपण अभियान चला रही योगी सरकार 

नले
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पर्यावरण दिवस 5 जून को 

- विकसित किये जा रहे 'नेचुरल ऑक्सीजन बैंक' को कहा जा रहा 'लंग्स ऑफ द सिटी'

- 9 स्थानों पर कुछ साल पहले 5.617 हेक्टेयर में लगाए गए 1,70,246 पौधे ले चुके घने जंगल का रूप

- वाराणसी में तीन नए स्थानों पर 2.70 हेक्टेयर में 81,000 पौधे रोपित कर विकसित किया जा रहा वन

- जापानी मियावाकी तकनीक से विकसित किये जा रहे वन

वाराणसी। बढ़ते तापमान और जलवायु परिवर्तन के गंभीर खतरों से बचने के लिए योगी सरकार पौधरोपण का व्यापक अभियान चला रही है। साथ ही नए वन क्षेत्र बनाकर 'ऑक्सीजन बैंक' भी विकसित कर रही  है। यह अभियान वाराणसी के भविष्य के लिए निवेश के तौर पर देखा जा रहा है। यह पहल पर्यावरण संरक्षण और शुद्ध वायु प्रदान करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है। वाराणसी में जापानी मियावाकी तकनीक से वन विकसित किया जा रहा है, जो लगभग 2 वर्ष में तैयार हो जाता है। वाराणसी में तीन नए वन क्षेत्र विकसित किये जा रहे हैं, जबकि 09 स्थानों पर 5.617 हेक्टेयर में जंगल विकसित किया जा चुका है। 

सरकार के इस महत्वाकांक्षी अभियान का सबसे अनूठा और दूरगामी पहलू 'नेचुरल ऑक्सीजन बैंक' का विकास है। इसे 'लंग्स ऑफ द सिटी' भी कहा जा सकता है। इसका उद्देश्य प्रदूषण को कम करते हुए शुद्ध हवा को देना है। प्रभागीय वनाधिकारी स्वाति श्रीवास्तव ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण और वातावरण में शुद्ध ऑक्सीजन को बनाए रखने के लिए सरकार नेशनल क्लीन एयर मिशन, वन जमा वित्त पोषण, नगर निगम वित्त पोषण आदि योजना चला रही है। इस योजना के अंतर्गत शहर में कई स्थानों पर घने वन मियावाकी तकनीक से विकसित किए जा रहे है। 9 स्थानों पर वर्ष 2020-21 से लगाए जा रहे 1,70,246 पौधे घने जंगल का रूप ले चुके हैं। वन विभाग द्वारा तीन नए स्थानों ,रमना एसटीपी प्लांट और बनास डेयरी अमूल में पौधरोपण शुरू हो चूका। एनएचएआई द्वारा शंकर नेत्रालय के पास मृदा कार्य चल रहा है ,यहाँ भी जल्द ही पौधरोपण किया जाएगा। मुख्यत मियावाकी पद्धति में घास, हर्ब्स, झाड़ी, छोटे, मध्यम व बड़े पौधे लगाए गए हैं। 

2.70 हेक्टेयर में  तीन स्थानों पर 81,000 पौधरोपण होने के बाद बदलेगा शहर का चेहरा 

रमना एसटीपी के पास: 1 हेक्टेयर में 30,000 पौधे लगाए जा रहे हैं, जो इस क्षेत्र को सघन हरे-भरे क्षेत्र में बदल देगा

करखियाव इंडस्ट्रियल एरिया, बनास डेयरी अमूल के पास: 1.50 हेक्टेयर पर 45,000 पौधे रोपित किए जा रहे हैं, जिससे औद्योगिक प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।

एनएचएआई द्वारा शंकर नेत्रालय के पास: 0.20 हेक्टेयर में लगाए जा रहे हैं 6,000 पौधे  
  
वाराणसी में विकसित किये जा चुके गए वन क्षेत्र व क्षेत्रफल ,पौधों की संख्या 

-शिक्षा संकाय कमच्छा 
  क्षेत्र - 1हेक्टेयर  
 रोपित पौधे 30,000 

-डोमरी रेल भूमि
 क्षेत्र -1 हेक्टेयर 
रोपित पौधे -30,000 

-केंद्रीय कारागार 
 क्षेत्र- 1 हेक्टेयररोपित 
पौधे 30,000 

-सर सैयद पब्लिक स्कूल सेहमलपुर 
 क्षेत्र-1 हेक्टेयर
रोपित पौधे - 30,000 

-राजकीय गर्ल्स इंटर कॉलेज मलदहिया 
   क्षेत्र - .25  हेक्टेयर   
रोपित पौधे - 7500 

-पीएसी रामनगर में 
 क्षेत्र - .42 हेक्टेयर
 रोपित पौधे-12,600 


-बेनियाबाग पार्क 
  क्षेत्र -.20 हेक्टेयर- 
 रोपित पौधे -6000 

-रिंग रोड फेज -1 (मुकदलपुर )
 क्षेत्र - .3470 हेक्टेयर
  रोपित पौधे -12146 

-एफसीआई गोदाम मंडुवाडीह 
क्षेत्र- .40 हेक्टेयर 
रोपित पौधे - 12,000

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