महिला आयोग की जनसुनवाई : आयोग की सदस्य ने सुनी फरियाद, पारिवारिक विवादों के त्वरित निस्तारण पर दिया जोर

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वाराणसी। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य गीता विश्वकर्मा ने सर्किट हाउस सभागार में जनसुनवाई कर महिलाओं की समस्याएं सुनीं। उन्होंने दोपहर 12.15 बजे तक कुल चार महिलाओं की शिकायतों पर विचार किया। प्राप्त मामलों में दो प्रकरण पुलिस की लापरवाही से जुड़े थे, जबकि शेष दो मामले पारिवारिक न्यायालय से संबंधित थे।

शिकायतें सुनने के बाद सदस्य गीता विश्वकर्मा ने संबंधित मामलों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पारिवारिक विवादों के छोटे और मामूली मामलों का निस्तारण मौके पर ही आपसी सहमति से किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अनावश्यक रूप से न्यायालयी प्रक्रिया में उलझने से समस्याएं और बढ़ जाती हैं। शिकायतकर्ताओं को सलाह दी गई कि वे वकीलों के चक्कर में न पड़ें और किसी भरोसेमंद व जानकार व्यक्ति की सलाह लेकर ही आगे की कार्रवाई करें।

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गीता विश्वकर्मा ने कहा कि जागरूकता की कमी के कारण पारिवारिक विवादों से जुड़े मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कई बार फीस लेने वाले वकीलों के कारण पीड़ित महिलाएं मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान हो जाती हैं। ऐसे में उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिए कि जरूरतमंद शिकायतकर्ताओं को निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराए जाएं, ताकि उन्हें न्याय पाने में कठिनाई न हो।

जनसुनवाई के दौरान कई विभागों के अधिकारियों की अनुपस्थिति और शिकायतकर्ताओं की कम संख्या पर सदस्य ने नाराजगी जताई। इस संबंध में सूचना विभाग के कर्मचारी को फटकार भी लगाई गई। उन्होंने कहा कि जनसुनवाई की सूचना समय से और प्रभावी तरीके से प्रसारित की जानी चाहिए, ताकि अधिक से अधिक पीड़ित महिलाएं अपनी समस्याएं सामने रख सकें।

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इस अवसर पर महिलाओं को साइबर अपराधों के प्रति भी जागरूक किया गया। गीता विश्वकर्मा ने साइबर अपराधों से बचाव के उपाय बताते हुए सतर्क रहने की अपील की और कहा कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना संबंधित विभाग को दें।

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