पति की दीर्घायु के लिए सुहागिनों ने की वट सावित्री की पूजा, सुनी सावित्री-सत्यवान व यमराज की कथा
वाराणसी। पति के दीर्घायु होने की कामना को लेकर गुरुवार को महिलाओं ने वट सावित्री पूजा पर व्रत व उपवास रखा। इस दौरान सुहागिन महिलाओं ने वट वृक्ष की विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना कर उनकी परिक्रमा की। सुबह से ही शहर के प्राय: हर मुहल्लों में वट वृक्ष की पूजा अर्चना व परिक्रमा को लेकर महिलाओं की भारी भीड़ लगी रही।
महिलाओं ने रोहिणी नक्षत्र व धृति योग में वट सावित्री पूजा की। इस दौरान सुहागिनों ने वट वृक्ष के नीचे पूजा अर्चना के पश्चात सावित्री, सत्यवान व यमराज की पूजा की और कथा का श्रवण भी किया। इस मास की त्रयोदशी तिथि से अमावस्या तिथि तक वट सावित्री व्रत रखने का विधान है। सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु, स्वास्थ्य व मनोरथ की पूर्ति के लिए यह व्रत रखती हैं। वट, सावित्री-सत्यवान और यमराज की पूजा करने के बाद बरगद के पेड़ की कोंपल खाकर व्रत का पारण किया।
पुराणों में वर्णित है कि वट में ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनों भगवान का वास बताया गया है। इसके नीचे बैठकर पूजन, व्रत कथा का श्रवण करने से हर मनोकामना पूरी होती है। महिलाओं ने सर्वप्रथम पूजा स्थल पर रंगोली बनायी। इसके बाद चौकी पर लाल वस्त्र बिछा कर लक्ष्मी नारायण व शिव-पार्वती व गणेशजी की मूर्ति रख कर पूजा की।इसके साथ ही पूजा में मौली, रोली, कच्चा सूत, भिंगोया चना, फूल व धूप-दीप का उपयोग कर सावित्री व सत्यवान की कथा का श्रवण किया। शहर के मंदिरों के अलावा मीरघाट धर्मकूप में महिलाओं की काफी भीड़ उमड़ी रही।
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