टूरिस्ट को ई-रिक्शा से काशी दर्शन कराएंगी महिला पायलट, इन रूटों पर होगा संचालन, जल्द दिया जाएगा प्रशिक्षण
वाराणसी। महिला पायलट पर्यटकों को ई-रिक्शा से काशी भ्रमण कराएंगी। इसके लिए 30 महिलाओं को पांच-पांच हफ्ते की ट्रेनिंग दी जाएगी। ग्रामीण व शहरी आजीविका के लिए जयपुर की कंपनी ने पहल की है। इससे न सिर्फ महिलाएं आय कर आत्मनिर्भर बनेंगी, बल्कि पर्यटकों को भी सहूलियत होगी।
टूरिस्ट को काशी भ्रमण कराने के लिए ग्रामीण व शहरी क्षेत्र से 30 महिलाओं का चयन किया गया है। कंपनी की ओर से महिलाओं को ई-रिक्शा खरीदकर दिया जाएगा। डूडा और जिला उद्योग केंद्र से भी कंपनी ने संपर्क साधा है। कंपनी के अधिकारियों के अनुसार महिलाओं को पांच हफ्ते की निःशुल्क ट्रेनिंग दी जाएगी। हफ्ते के छह दिन रोजाना तीन घंटे प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद टेस्स भी होगा। इसमें ई-रिक्शा चलाने में दक्षता और उसकी देखरेख की जानकारी को परखा जाएगा। ट्रेनिंग में पास होने के बाद कंपनी में एक निश्चित हिस्सेदारी, आकर्षक डिजाइन और सुविधाओं वाले ई-रिक्शा दिए जाएंगे। रिक्शा खरीदने, रख-रखाव और चार्जिंग का खर्च भी कंपनी वहन करेगी। देसी व विदेशी पर्यटकों के लिए बुकिंग होगी।
ई-रिक्शा का संचालन लंका, अस्सी, गोदौलिया, गिरिजाघर, चौख, मैदागिन, दशाश्वमेध, नमो घाट, रामनगर किला, सारनाथ और बड़ालालपुर टीएफसी आदि रूटों पर ई-रिक्शा का संचालन होगा। रूट के हिसाब से भुगतान होगा। एक शिफ्ट के कम से कम 300 रुपये मिलेंगे। कंपनी के प्रबंधक तृप्ति मिश्रा ने बताया कि 18 से 40 वर्ष के बीच की ही महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। महिलाओं को कम से कम आठवीं पास होना चाहिए। अब तक लोहता, चांदपुर, फुलवरिया, शिवपुर क्षेत्र से 30 महिलाओं ने ई-रिक्शा चलाने के प्रशिक्षण में हामी भरी है। होटलों, पर्यटक स्थलों से सीधे बुकिंग होगी। बुकिंग के बाद ही यह महिलाएं रूट पर निकलेंगी। जयपुर के बाद काशी दूसरा शहर है, जहां इसकी शुरूआत हो रही है।
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