विधानसभा शीतकालीन सत्र: नेता प्रतिपक्ष अखिलेश पर बरसे सीएम योगी, बनारस के अटल आवासीय विद्यालय का किया जिक्र, कही बड़ी बात

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लखनऊ। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन अखिलेश यादव पर सीएम योगी ने जमकर निशाना साधा। उन्होंने अपने संबोधन में अखिलेश यादव को आड़े हाथों लिया और उन पर तीखा जवाबी प्रहार किया। सीएम ने कहा कि 2017 के बाद उत्तर प्रदेश की छवि बदली है।

विधानसभा शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सीएम योगी ने अखिलेश यादव पर जवाबी हमला करते हुए कहा कि यूपी में 2017 से पहले गुंडागर्दी और अराजकता का माहौल आज भी लोग समाजवादियों के कारनामे नहीं भूले हैं। पहले किस-किस प्रकार के कारनामे होते थे, नेता प्रतिपक्ष अच्छे से होमवर्क करके सदन में नहीं आते हैं। नेता प्रतिपक्ष के पास सही आंकड़े नहीं हैं। सरकार इस बार सबसे बड़ा अनूपूर्क बजट लेकर आई है। वर्ष 2017 से पहले और अब की यूपी देखिए। ये नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है। हमारा यूपी आगे बढ़ेगा, आर्थिक प्रगति करेगा।

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सीएम योगी ने यूपी में एजुकेशन सिस्टम पर चर्चा करते हुए वाराणसी में बने अटल आवासीय विद्यालय का भी जिक्र किया। उन्होंने अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा कि 2017 के पहले गरीब बच्चों को जूते मोज़े और अच्छी शिक्षा क्यों नहीं मिल पाई थी? सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने अलीगढ़ में रजा महेंद्र प्रताप विश्वविद्यालय की स्थापना की। सहारनपुर में मां शाकम्भरी के नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना की। वहां पर नए सत्र प्रारम्भ हो चुके हैं। आजमगढ़ में महाराजा सुहेलदेव के नाम पर विश्वविद्यालय बन रहा है। वहां पर भी सत्र प्रारम्भ हो चुका है। इसके अलावा चार अन्य विश्वविद्यालयों की स्थापना की भी कार्यवाही चल रही है। एक मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी के धाम के पास, दूसरा बलरामपुर में मां बागेश्वरी के नाम पर, तीसरा मुरादाबाद में स्थापित होने जा रहा है। इसके साथ ही कुशीनगर में भगवान बुद्ध के नाम पर भी विश्वविद्यालय की स्थापना का काम सरकार ने किया है।

मेरठ में मेजर ध्यानचंद के नाम पर भी स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई है। सीएम ने आगे कहा कि श्रमिकों के बच्चों के लिए हमारी सरकार ने वाराणसी में अटल आवासीय विद्यालय की स्थापना की है। मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में मौजूद सभी नेताओं से अटल आवासीय विद्यालय एक बार जाने का आग्रह किया। सीएम ने कहा कि वाराणसी में प्रधानमंत्री ने भी यहां पर बच्चों के साथ संवाद किया था। इसमें श्रमिकों के बच्चे, कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चे भी पढाई कर रहे हैं। सरकार इन सभी बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत जोड़ी हुई है। उन्हें सरकार 4 हजार रुपए प्रतिमाह दे रही है। उन सभी बच्चों को इस विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया है। प्रदेश के 18 कमिश्नरी में 18 विद्यालय हैं।

इसके बाद हमारी सरकार अन्य जनपदों में भी इस तरह के विद्यालय खोलना चाहती है। सीएम ने कहा कि कोई भी देश तब तक प्रगति नहीं कर सकता, जब तक शिक्षा पर ध्यान केंद्रित नहीं करेगा।

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