सार्वजनिक होगी ज्ञानवापी के मूल मुकदमे के ASI सर्वे रिपोर्ट की कॉपी? पांच फरवरी को होगी सुनवाई
जानकारी के मुताबिक, वर्ष 1991 में वाराणसी में तीन मित्र पंडित सोमनाथ व्यास, डॉ० रामरंग शर्मा और हरिहर पाण्डेय ने टाइटल सूट दायर किया था। जिसमें पूरे रकबे को विश्वनाथ मंदिर होने का दावा किया गया था। यह सूट सिविल जज सीनियर डिवीज़न की अदालत में दायर किया गया था।
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि यह मुकदमा स्वयंभू लार्ड आदिविश्वेश्वर बनाम अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के बीच था। जिसमें सेटलमेंट नंबर 9130, 31, 32 जो कि आदिविश्वेश्वर में शामिल है, उसे हमें सौंपा जाय। साथ ही यहां पर नमाज पर भी रोक लगाई जाय।
अधिवक्ता ने बताया कि यह मामला 1991 से 1998 तक कोर्ट में चलता रहा, लेकिन अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने वर्शिप एक्ट 1991 का हवाला देकर इस मामले में स्टे ले लिया था।
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