जहां पीएम मोदी ने लगाया झाड़ू, उन गलियों में दुश्वारियों का अंबार: लापरवाह अधिकारी नहीं ले रहे सुध, जानलेवा गड्ढों से बड़ी दुर्घटना का नगर निगम को है इंतजार
वाराणसी। गांव में एक कहावत है नौ दिन चले अढ़ाई कोस, यह कहावत आज वाराणसी के नगर निगम, जल कल विभाग पर पूरी तरह से चरितार्थ कर रहा है। असि से नगवा जाने वाले रोड में जगन्नाथ मन्दिर गली के आगे बाजपेई मंदिर के पास पिछले दो हफ्ते से एक गड्ढा बना हुआ है, लेकिन अभी तक उस गड्ढे को (भरा) पाटा नहीं गया है। पहले क्षतिग्रस्त सीवर की टंकी को नगर निगम, जलकल के कर्मचारियों ने ठीक किया फिर पता चला कि पानी के पाइपलाइन में लीकेज है। इसके बाद उसको ठीक करने के लिए और बड़ा गड्ढा खोदा गया और फिर उसे ठीक करके इस गड्ढे को ऐसे ही खुला छोड़ दिया गया।
असि से जगन्नाथ मंदिर जाने वाला यह मार्ग अति व्यस्त मार्ग है। शनिवार रविवार को तो इस मार्ग पर गाड़ियों की काफी भीड़ रहती है, उसके बावजूद नगर निगम और जलकल द्वारा इस तरह की लापरवाही समझ से परे है। इसी तरह का एक गड्ढा पुष्कर तालाब के पास भी है। यह गड्ढा उससे भी ज्यादा जानलेवा है, जो एक महीने से खोदकर छोड़ दिया गया है। पता नहीं कब यह गड्ढा भरा जाएगा।
शायद नगर निगम और जलकल के अधिकारियों को किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार है कि वह दुर्घटना हो, किसी का हाथ पैर टूटे, कोई इसमें गिरे उसके बाद वह त्वरित कार्रवाई करके इस गड्ढे को पाटेंगे। या तो नगर निगम और जलकल के पास गड्ढा पाटने वाले सक्षम कर्मचारी नहीं है, वह विदेश से किसी गड्ढा पाटने वाले तकनीकी विशेषज्ञ को बुलाएंगे और गड्ढा पाटेंगे। सबसे बड़ी बात ये है कि ये वही असि जगन्नाथ मंदिर गली है, जिस गली में वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी अपने प्रथम कार्यकाल में झाड़ू लगाकर पूरे देश को स्वच्छता का संदेश दिया था।
शायद अधिकारियों को प्रधानमंत्री का इस गली में झाड़ू लगाना ठीक नहीं लगा, इसीलिए वह इस गली के प्रति लापरवाह रहते हैं। इस पूरे असि जगन्नाथ मंदिर गली, पुष्कर तालाब क्षेत्र की स्थिति सबसे खराब है। जगह-जगह सीवर जाम है बड़े-बड़े गड्ढे हैं। सड़कों से प्रतिदिन कूड़ा नहीं उठाता है। गलियों में नालियां बजबजा रही है लेकिन अधिकारी सुनने को तैयार नहीं रहते हैं। पार्षद, अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा इस बात को गंभीरता से नहीं लिया जाता है। अब लोगों को भी इंतजार है कि किसी हमारे मोहल्ले के नागरिकों का, राहगीरो का हाथ पैर टूटेगा और तब जिला प्रशासन, नगर निगम और जलकर अलर्ट होकर इस गड्ढे को पाटेगा।
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