फिर चर्चा का विषय बना वाराणसी के 115 साल पुराने यूपी कॉलेज पर वक्फ बोर्ड का 6 साल पुराना दावा
वक्फ बोर्ड ने कॉलेज की भूमि पर अपना दावा करते हुए कहा था कि यह संपत्ति सुन्नी वक्फ संपत्ति के तहत आती है। इस संदर्भ में बोर्ड के सहायक सचिव आले अतीक ने 2018 में कॉलेज प्रबंधन को नोटिस भेजा था। नोटिस में कहा गया था कि वसीम अहमद, निवासी भोजूबीर तहसील सदर, ने दावा किया है कि "ग्राम छोटी मसजिद नवाब टोक मजारात हुजरा" नामक स्थान की भूमि, जो कॉलेज परिसर के अंतर्गत आती है, सुन्नी वक्फ संपत्ति है और इसे वक्फ बोर्ड में पंजीकृत किया जाना चाहिए।
कॉलेज के तत्कालीन सचिव यूएन सिन्हा ने जवाब में कहा था कि उदय प्रताप कॉलेज की स्थापना 1909 में की गई थी और इसका संपत्ति ट्रस्ट के अंतर्गत आती है, जिसे इंडाउमेंट ट्रस्ट एक्ट के तहत संरक्षित किया गया है। उनका कहना था कि इस ट्रस्ट की संपत्ति पर किसी अन्य का मालिकाना हक नहीं हो सकता।
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