स्वर्वेद महामंदिर ट्रस्ट गबन कांड का वांछित आरोपी गिरफ्तार, करोड़ों रुपये हड़पने के मामले में कार्रवाई तेज
वाराणसी। स्वर्वेद महामंदिर ट्रस्ट से करोड़ों रुपये के गबन मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। ट्रस्ट की धनराशि को कूटरचित तरीके से ट्रांसफर करने के आरोप में वांछित चल रहा आरोपी आर्यन जायसवाल को रविवार को पुलिस ने स्वर्वेद मंदिर के पास नहर किनारे से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके साथ ही इस बड़े वित्तीय घोटाले की जांच में पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।

धोखाधड़ी और गबन की गंभीर धाराओं में दर्ज है मुकदमा
आर्यन जायसवाल के विरुद्ध मु.अ.सं. 630/2025 में
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धारा 419 (छल द्वारा प्रतिरूपण)
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420 (धोखाधड़ी)
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467, 468, 471 (जालसाजी और फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग)
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409 (आपराधिक न्यासभंग द्वारा गबन)
के तहत मामला दर्ज है। ये सभी गंभीर धाराएं आर्थिक अपराध और विश्वासघात से संबंधित हैं।
कूटरचित बैंक पर्ची बनाकर ट्रस्ट से करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए गए थे
मामले में आरोप है कि आरोपी ने जाली बैंक पर्चियाँ तैयार कर स्वर्वेद महामंदिर ट्रस्ट के खाते से कई करोड़ रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर किए। यह फर्जीवाड़ा सुनियोजित तरीके से किया गया, जिसके चलते ट्रस्ट के वित्तीय लेन-देन पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगा था।
पहले ही गिरफ़्तार हो चुका है मुख्य आरोपी विवेक कुमार
इसी मामले में पुलिस ने 07 अक्टूबर 2025 को एक अन्य आरोपी विवेक कुमार को गिरफ्तार किया था। विवेक की गिरफ्तारी के बाद से ही पुलिस आर्यन की तलाश में लगी थी।
पूछताछ में आर्यन ने स्वीकार किया— मेरे खाते में भी भेजी गई थी अवैध राशि
पुलिस पूछताछ में आर्यन जायसवाल ने स्वीकार किया कि—
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उसके बैंक खाते में भी अवैध रूप से भेजी गई धनराशि जमा की गई थी,
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और लालचवश उसने उस पैसे को अपने पास रख लिया।
यह स्वीकारोक्ति इस वित्तीय गबन कांड में उसकी सक्रिय भूमिका को स्पष्ट करती है।
पुलिस की कार्रवाई से तेज हुई जांच
आर्यन की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस ट्रस्ट के धन के और भी ट्रांसफर चैन की जांच कर रही है। संभावना है कि इस गिरोह में और भी लोगों की भूमिका उजागर हो सकती है। स्थानीय पुलिस ने बताया कि आर्थिक अपराध से जुड़े ऐसे मामलों में डिजिटल ट्रेल, बैंक रिकॉर्ड और फोन कॉल डिटेल्स की जांच जारी है।

