17 सितंबर को लागू होगा विश्वकर्मा सम्मान योजना, 10 हजार से 10 लाख की मिलेगी आर्थिक सहायता
Aug 26, 2023, 17:22 IST
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वाराणसी। 17 सितंबर को मनाए जाने वाले विश्वकर्मा पूजा में भले ही अभी काफी समय हो, लेकिन विश्वकर्मा समाज में पर्व की भाती उल्लास का माहौल है। 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले के प्राचीर से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के घोषणा के पश्चात पूरे समाज में खुशी का माहौल है। उक्त बातें भारतीय जनता पार्टी के एमएलसी एवम वाराणसी बीजेपी के जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा ने सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा।
विश्वकर्मा सम्मान योजना को लेकर बीजेपी एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा ने कहा कि यह योजना देश के उन पारम्परिक कामगारों के लिए जो समाज में पारिवारिक एवं सामाजिक रूप से प्रचलित लघु उद्योगों के माध्यम से अपना जीवन यापन करते हैं, निश्चित रूप से एक बूस्टर का काम करेगा। मैं बताना चाहता हूं कि विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना उत्तर प्रदेश के प्रवासी कामगारों के साथ -साथ स्थानीय कामगारों के उत्थान उनके विकास के लिए एक नये अवसर का श्रृजन करेगी।
उन्होंने बताया कि यह योजना 17 सितम्बर को विश्वकर्मा पूजा के दिन राष्ट्रीय स्तर पर प्रारम्भ होगी। मैं प्रदेश के साथ ही वाराणसी जनपद के ऐसे सभी कामगारों को जो इस श्रेणी में पात्रता रखते हैं सादरआमंत्रित करता हूं कि आप सभी इस योजना से जुड़कर अपने पारम्परिक उद्योग को एक नयी उंचाई पर स्थापित कर देश के विकास में अपना योगदान दे। राज्य के बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनने वाले, नाई, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई, मोची जैसे मजदुर आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण अपने कारोबार को आगे नहीं बढ़ा पाते। इसी समस्या को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना को शुरू किया है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनने वाले, नाई, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई, मोची जैसे पारंपरिक कारोबारियों तथा हस्तशिल्प की कला को प्रोत्साहित करना और आगे बढ़ाना। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अन्तर्गत इन मजदूरों को 6 दिन कि फ्री ट्रेनिंग प्रदान करना और स्थानीय दस्तकारों तथा पारंपरिक कारीगरों को छोटे उद्योग स्थापित करने के लिए 10 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता भी प्रदान करना। योजना का लाभ राज्य के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के बढई, दर्जी, टोकरी बुनने वाले, नाई, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई, मोची जैसे पारंपरिक कारोबारियों तथा हस्तशिल्प की कला करने वालो को प्रदान किया जायेगा।
विश्वकर्मा श्रम योजना के तहत लोहार, कुम्हार, हलवाई. मोची आदि को 6 दिन की फ्री ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी और साथ ही 10 हजार रूपए से लेकर 10 लाख रूपए की आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत प्रति वर्ष 15 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।राज्य के जो इच्छुक लाभार्थी इस योजना का लाभ उठाना चाहते है तो उन्हें इस योजना में ऑनलाइन आवेदन करना होगा। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अंतर्गत दी जाने वाली सभी प्रकार की ट्रेनिंग का पूरा खर्च राज्य सरकार द्वारा उठाया जाएगा। इस योजना के जरिये राज्य के सभी परम्परागत मजदूरों के विकास और स्वरोजगार को बढ़ावा देना है।
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना 2023 के आवेदकों के लिए मुख्य निर्देश का पालन करना होगा। आवेदक उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए। आवेदक की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। आवेदक के पास आधार कार्ड, पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर, जाति प्रमाणपत्र, बैंक अकाउंट पासबुक, पासपोर्ट साइज फोटो होना अनिवार्य है।

