WFI के नए अध्यक्ष बने वाराणसी के संजय सिंह, बृजभूषण शरण के हैं करीबी, महिला कुश्ती को आगे बढ़ाया
वाराणसी। भारतीय कुश्ती महासंघ ((डब्ल्यूएफआई) के नए अध्यक्ष वाराणसी के संजय सिंह चुने गए हैं। उन्हें बृजभूषणशरण सिंह का करीबी माना जाता है। उन्होंने प्रतिद्वंदी और 2010 राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनीता श्योराण को हराकर अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा जमाया। महिला कुश्ती को आगे बढ़ाने में उनका विशेष योगदान माना जाता है।
चुनाव में संजय सिंह के पैनल ने 15 पदों में से 13 पर जीत दर्ज की। उनके के पक्ष में 40 वोट पड़े, जबकि अनीता श्योराण को केवल सात वोट मिले। चुनाव का परिणाम आने के बाद साक्षी मलिक ने विरोध में कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। डब्ल्यूएफआई कार्यालय से कुछ दूरी पर साक्षी बजरंग और विनेश फोगाट ने प्रेस कांफ्रेंस की। चुनाव से पहले ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से अनुरोध किया था कि बृजभूषणशरण से जुड़े किसी भी व्यक्ति को डब्ल्यूएफआई के चुनाव लड़ने से रोका जाए। इसके बाद बृजभूषण के बेटे प्रतीक और उनके दामाद विशाल सिंह चुनाव में नहीं उतरे थे। इसके बाद संजय सिंह ने चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।
वाराणसी समेत पूर्वांचल में कुश्ती अरसे से परंपरागत तरीके से अखाड़ों में मिट्टी पर खेली जाती थी। इसे गद्दे पर लाने में भारतीय कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष चुने गए संजय सिंह ने अहम भूमिका निभाई। महिला कुश्ती को खूब बढ़ावा दिया। संजय सिंह मूलरूप से चंदौली के झांसी गांव के रहने वाले हैं, लेकिन उनकी कार्य स्थली बनारस ही रही। वर्तमान में दुर्गाकुंड के कबीर नगर कालोनी में रहते हैं।
बीएचयू से की एलएलबी की पढ़ाई
संजय सिंह ने बीएचयू से बीएड और एलएलबी की पढ़ाई की है। कुश्ती से उनका विशेष लगाव रहा। वर्ष 2008 में वाराणसी कुश्ती संघ के अध्यक्ष चुने गए। इसके बाद उन्होंने मिट्टी के अखाड़े पर खेली जाने वाली कुश्ती को गद्दे पर लाने का प्रयास शुरू किया।
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