देवर्षि नारद जयंती पर Live VNS की एमडी सहित काशी के सात वरिष्ठ पत्रकारों का हुआ सम्मान

वाराणसी। विश्व संवाद केंद्र काशी एवं पं. दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ, बीएचयू की ओर से बुधवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान संकाय स्थित समता भवन में 'राष्ट्रीय सुरक्षा में मीडिया की भूमिका' विषय पर संगोष्ठी एवं पत्रकार सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। यह आयोजन आद्य पत्रकार देवर्षि नारद की जयंती के अवसर पर हुआ, जिसमें पत्रकारिता के दायित्व, शुचिता और सामाजिक सरोकारों पर गहन विमर्श हुआ। वहीं पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले सात पत्रकारों को सम्मानित किया गया। इनमें एकमात्र महिला और Live VNS की एमडी कविता उपाध्याय को भी सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार एवं ‘पांचजन्य’ के प्रधान संपादक हितेश शंकर ने कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर” में भारतीय सेना की रणनीति में स्पष्टता, सजगता और सटीकता देखने को मिली। उन्होंने कहा कि मीडिया को किसी मुद्दे को इस हद तक नहीं उछालना चाहिए कि अपराधियों के लिए भी सहानुभूति बन जाए। उन्होंने कहा कि आज के दौर में सूचनाओं की भीड़ में तथ्यों की पुष्टि अत्यंत आवश्यक हो गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध के समय साइबर और सूचना के क्षेत्र में भारत की सतर्कता के चलते पाकिस्तान का दुष्प्रचार असफल हो गया। भारत के साइबर योद्धाओं ने संयम और विवेक से कार्य किया। उन्होंने पत्रकारों से अपील की कि वे राष्ट्रहित में सोचें और समाज को तथ्यपरक जानकारी दें। विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के प्रचार प्रमुख सुभाष जी ने कहा कि देवर्षि नारद का शील ही उनका संदेश था। उनकी वाणी और आचरण समाज के लिए प्रमाण हुआ करते थे। उन्होंने रामचरितमानस की चौपाई “नारद वचन मृषा नहीं होई” का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय पत्रकारिता का मूल उद्देश्य राष्ट्र रक्षा और लोकमंगल रहा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्व संवाद केंद्र काशी के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. हेमंत गुप्ता ने कहा कि पत्रकारों को समाज की समस्याओं के समाधान खोजने में अहम भूमिका निभानी चाहिए। सार्थक संवाद ही सार्थक प्रवास को जन्म देता है। कार्यक्रम की प्रस्तावना देते हुए ‘चेतना प्रवाह’ पत्रिका के संपादक प्रो. ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि देवर्षि नारद ने संवाद कौशल से समुद्र मंथन से लेकर महाभारत तक में लोकहित को साधा।
इस अवसर पर अतिथियों ने भारत माता, देवर्षि नारद, पं. मदन मोहन मालवीय एवं पं. दीनदयाल उपाध्याय के चित्रों पर पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्वलन किया। स्वस्तिवाचन और मंगलाचरण के बाद छात्राओं ने विश्वविद्यालय का कुलगीत प्रस्तुत किया।
सम्मानित पत्रकार
इस मौके पर पत्रकारिता के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए डॉ. अत्रि भारद्वाज (अध्यक्ष, काशी पत्रकार संघ), देवेश सिंह (राष्ट्रीय सहारा), डॉ. अमलेन्दु त्रिपाठी (दैनिक जागरण, प्रयागराज), सुरेश गांधी (स्वतंत्र पत्रकार), रोहित सोनकर (फोटो पत्रकार, अमर उजाला), कविता उपाध्याय (एमडी लाइव वीएनएस) और गोपाल मिश्र (ईटीवी भारत) को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय टोली सदस्य रामाशीष जी, क्षेत्र कार्यवाह डॉ. वीरेंद्र जायसवाल, पर्यावरण संयोजक अजय जी, काशी प्रांत प्रचारक रमेश जी, दीनदयाल शोधपीठ समन्वयक प्रो. तेज प्रताप सिंह समेत बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित रहे। सह संयोजन डॉ. अजय परमार, धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सत्यप्रकाश पाल ने किया जबकि संचालन डॉ. कुमकुम पाठक ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।