वाराणसी में 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते SDO ऑफिस का क्लर्क गिरफ्तार, एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ दबोचा
वाराणसी। एंट्री करप्शन टीम ने शुक्रवार को बिजली विभाग के एक क्लर्क को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। क्लर्क ने एक उपभोक्ता से नया बिजली कनेक्शन लगवाने के लिए 10 हजार रुपए की डिमांड की थी। एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई से पूरे विभाग में हड़कंप मचा रहा। टीम ने उसके दफ्तर की भी तलाशी ली।
कार्रवाई की सूचना पर विभाग के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। इसके बाद एंटी करप्शन की टीम आरोपी क्लर्क को लेकर सारनाथ थाने पहुंची। जहां उसके खिलाफ विभिन्न अभियोगों में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने रुपए और डॉक्यूमेंट को सील कर आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया।
जानकारी के मुताबिक, चौक थाना अंतर्गत भुलेटन के रहने वाले कुलदीप कुमार बरनवाल ने उपखंड कार्यालय लेढूपुर में नए बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। फाइल के बाद उसने विभाग की ओर से मांगे गए दस्तावेज भी उपलब्ध कराए और सर्वे भी कराया। इसके बाद कार्यालय पहुंचा तो एसडीओ के लिपिक बृजेश कुमार ने फाइल को आगे बढ़ाने से मना कर दिया।
क्लर्क ने नए कनेक्शन का एप्रूवल रिपोर्ट बनाने और फाइल को अधिकारियों तक पहुंचाने के लिए 10 हजार रुपये रिश्वत मांगे। बृजेश ने सरकार की ओर से कनेक्शन फ्री देने की बात भी कही, लेकिन लिपिक ने एक भी नहीं सुनी। लिपिक ने कहा कि कि बिना रुपये दिए फाइल नहीं बढ़ेगी।
कुलदीप बरनवाल ने 11 जुलाई को इंडस्ट्रियल एरिया में नए कनेक्शन का आवेदन किया था, इसके बाद 12 जुलाई को लिपिक बृजेश कुमार ने पैनकार्ड, आधार कार्ड और हाउस टैक्स की कॉपी मांगी। अगले दिन सर्वे की बात कही और 16 जुलाई को कनेक्शन के लिए आपत्ति लगा दी।
इसके बाद आवेदनकर्ता कुलदीप बरनवाल ने जेई अनूप कुमार से मुलाकात की और फिर से सर्वे कराने की गुहार लगाई। जेई भी कुलदीप के साथ उसकी फैक्ट्री पर पहुंचे और दूरी का हवाला देते हुए कनेक्शन देने से मना कर दिया। जेई ने बताया कि ट्रांसफार्मर से दूरी अधिक है जबकि आवेदनकर्ता ने 50 मीटर दूर ट्रांसफार्मर से कनेक्शन देने की बात कही।
10 हजार रुपए में हुई थी डील
जेई ने आपत्ति हटाने और एप्रूवल के लिए लिपिक बृजेश कुमार से मिलने का निर्देश दिया। कुलदीप बरनवाल से लिपिक ने 12717 रुपए फीस और 15 हजार रुपए रिश्वत मांगी, जिसके बाद ही फाइल आगे बढ़ाने की बात कही। दोनों के बीच चर्चा के बाद 10 हजार रुपए में बात तय हुई, 26 तारीख को रुपये लेकर 12 बजे लेढूपुर आफिस में बुलाया।
दूसरी ओर, पीड़ित ने एंटी करप्शन के आफिस में जाकर मामले की शिकायत दर्ज कराई और पूरा घटनाक्रम बताया। इसके बाद इंस्पेक्टर मैनेजर सिंह के नेतृत्व में इंस्पेक्टर नीरज सिंह और राकेश सिंह समेत 10 लोगों की टीम बनाई गई जो 11 बजे लेढूपुर आफिस पहुंच गई ।
कुलदीप भी कुछ देर बाद एसडीओ आफिस लेढूपुर पहुंच गया और लिपिक से जाकर मिला। उसने लिपिक को 10 हजार रुपये थमाएं, वहीं अंदर आए अधिकारियों ने लिपिक बृजेश कुमार को दबोच लिया। उसने भागने का प्रयास किया लेकिन हिरासत में लेकर सारनाथ थाने लगाया गया और केस दर्ज कर कोर्ट पेश किया। उसके पास से मिले रुपए और हाथ धुलवाए गए पानी को सील कर दिया गया है।
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