वाराणसी: गौशाला की गंदगी से त्रस्त नई बस्ती के निवासी, दुर्गंध में जीने को मजबूर इस क्षेत्र के लोग, नगर निगम से की कार्रवाई की मांग
गाय-भैंस पालन बन रहा समस्या का कारण
आयुष यादव ने बताया कि नई बस्ती वार्ड में बड़ी संख्या में पशुपालक मौजूद हैं जो गाय-भैंस पालकर दूध का कारोबार करते हैं। नगर निगम द्वारा प्रतिबंध के बावजूद कई जगहों पर खुलेआम पशुपालन जारी है। सीमित स्थान और बढ़ती आबादी के कारण इन पशुओं का मल-मूत्र सीवर में बहाया जाता है, जिससे सीवर जाम हो जाता है और गलियों में गंदगी फैल जाती है।
सीवर जाम और गंदगी से बीमारियों का खतरा
सीवर जाम होने से गलियों में पानी भर जाता है, जिससे गंदगी और बदबू का माहौल बन जाता है। आयुष ने कहा कि यह स्थिति न केवल जीवन को असुविधाजनक बनाती है बल्कि गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ाती है। सड़कों पर बहने वाला मल-मूत्र क्षेत्र में संक्रमण और बीमारियों को जन्म दे रहा है।
नगर निगम पर लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप
आयुष यादव ने नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों पर लापरवाही और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि शिकायतों के बावजूद, अधिकारी कार्रवाई करने के बजाय छोटे जुर्माने लेकर पशुओं को फिर से छोड़ देते हैं। उन्होंने इसे नगर निगम के कुछ "दलाल अधिकारियों और कर्मचारियों" की मिलीभगत करार दिया।
स्थिति बिगड़ती जा रही है, विरोध प्रदर्शन की चेतावनी
क्षेत्रीय निवासियों ने आरोप लगाया कि नगर निगम की निष्क्रियता से हालात लगातार बदतर हो रहे हैं। चौकी और पटिया टूट चुकी हैं, और गोकुलगंज एवं नई बस्ती वार्ड में सीवर की समस्या विकराल रूप ले रही है। आयुष यादव ने चेतावनी दी कि अगर नगर निगम ने इस समस्या पर जल्द कार्रवाई नहीं की, तो क्षेत्रवासी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
स्वास्थ्य संकट की ओर बढ़ता क्षेत्र
आयुष ने कहा कि गंदगी और पानी जमने से संक्रामक बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने नगर निगम से अपील किया कि वे इस गंभीर मुद्दे पर संज्ञान लें और तुरंत प्रभाव से समस्या का समाधान करें।
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