वाराणसी : मारुति नगर में जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त, बीमारी का खतरा देख स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
वाराणसी। लंका थाना अंतर्गत सामने घाट के मारुति नगर में भारी जलभराव के कारण स्थानीय निवासियों का जीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। सीवर का गंदा पानी सड़कों, खाली प्लॉटों और लोगों के घरों के आसपास जमा हो गया है, जिससे मच्छरों और बीमारियों का डर बढ़ गया है। इस समस्या से सैकड़ों घर प्रभावित हैं, और लोगों को आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

स्थानीय पार्षद प्रतिनिधि राम सिंह यादव उर्फ कल्लू पहलवान ने बताया कि सामने घाट के पास चल रहे एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) निर्माण कार्य के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है। बरसात के मौसम में शुरू हुए इस कार्य ने जल निकासी को अवरुद्ध कर दिया है, जिसके चलते सीर गोवर्धनपुर, हिन्तुपुर, बीएचयू और आसपास के क्षेत्रों का पानी गंगा में जाने के बजाय मारुति नगर में जमा हो रहा है। उन्होंने इस मुद्दे पर संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा, लेकिन समस्या अब और गंभीर हो गई है।

स्वास्थ्य विभाग का हस्तक्षेप
बीमारियों के खतरे को देखते हुए राम सिंह यादव उर्फ कल्लू पहलवान ने स्वास्थ्य अधिकारियों से संपर्क किया। इसके बाद जिला मलेरिया अधिकारी डीएमओ सरद चंद पांडे और नगर स्वास्थ्य अधिकारी एसके चौधरी की टीम मौके पर पहुंची। डीएमओ पांडे ने बताया कि मलेरिया के लार्वा को रोकने के लिए फॉगिंग की गई और पानी में मच्छर-रोधी दवाइयाँ (मोबाइल और डीजल की गोलियाँ) डाली गईं, जो 15 दिनों तक प्रभावी रहेंगी।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी एसके चौधरी ने कहा कि क्षेत्र में लगातार निरीक्षण किया जा रहा है ताकि लोगों को मच्छरजनित रोगों से बचाया जा सके। स्वास्थ्य विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है ताकि कोई स्वास्थ्य समस्या उत्पन्न न हो।

मौके पर मौजूद अधिकारी और प्रतिनिधि
निरीक्षण के दौरान डीएमओ सरद चंद पांडे, नगर स्वास्थ्य अधिकारी एसके चौधरी, मुख्य सफाई एवं खाद्य निरीक्षक आनंद कुमार, वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक अजय कुमार, पार्षद प्रतिनिधि राम सिंह उर्फ कल्लू पहलवान और अभय सिंह मौजूद रहे।
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से जल्द से जल्द इस समस्या का स्थायी समाधान करने की मांग की है ताकि जलभराव और बीमारियों के खतरे से निजात मिल सके।

