वाराणसी नगर निगम : गृहकर, जलकर, सीवरकर वसूली की हुई समीक्षा, फ्लैटों को 31 मई तक कर दायरे में लाने का निर्देश

वाराणसी। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने नगर निगम के सभागार में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की, जिसमें गृहकर, जलकर और सीवरकर की वसूली को लेकर वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए रणनीति बनाई गई। बैठक में नगर निगम और जलकल विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।
नगर आयुक्त ने सख्त निर्देश दिए कि शहर की बहुमंजिली इमारतों में बने उन सभी फ्लैटों को, जो अभी तक गृहकर, जलकर या सीवरकर के दायरे से बाहर हैं, 31 मई 2025 तक चिन्हित कर कर के दायरे में लाया जाए। इसके लिए नगर निगम और जलकल विभाग को संयुक्त अभियान चलाने को कहा गया। उन्होंने बताया कि जीआईएस (जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम) के जरिए छूटे हुए भवनों की पहचान की जाएगी और उनका सत्यापन कर बिल जारी किए जाएंगे।
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि पहली बार नगर निगम गृहकर, जलकर और सीवरकर का एकीकृत बिल जारी कर रहा है। इस नई व्यवस्था से भवन स्वामियों को एक ही बिल में सभी करों का भुगतान करना होगा, जिससे प्रक्रिया आसान होगी। नगर आयुक्त ने कहा कि अगर भवन स्वामियों को बिल से जुड़ी कोई समस्या या जानकारी चाहिए, तो नगर निगम और जलकल विभाग के कर्मचारी जोनल अधिकारियों के साथ मिलकर तुरंत समाधान करेंगे, ताकि लोगों को कोई परेशानी न हो।
इसके अलावा, जलकल विभाग द्वारा मैनुअल तरीके से जलकर और सीवरकर की वसूली पर रोक लगा दी गई है। नगर आयुक्त ने निर्देश दिए कि इस वित्तीय वर्ष से पूरी वसूली डिजिटल और व्यवस्थित तरीके से होगी। इस नियम का सख्ती से पालन करने को कहा गया।
बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्राप्त आवेदनों के सत्यापन की प्रगति की भी समीक्षा की गई। जोनल अधिकारियों ने बताया कि राजस्व निरीक्षकों के जरिए सत्यापन का काम चल रहा है। नगर आयुक्त ने सभी जोनल अधिकारियों को 31 मई तक 100% आवेदनों का सत्यापन पूरा करने का लक्ष्य दिया।
बैठक में मुख्य कर निर्धारण अधिकारी राकेश कुमार सोनकर, सभी जोनल अधिकारी, जलकल विभाग के सचिव ओ.पी. सिंह, डूडा की परियोजना अधिकारी निधि बाजपेयी, प्रोग्रामर दिनेश दूबे, कर अधीक्षक और राजस्व निरीक्षक मौजूद रहे। यह बैठक शहर में कर वसूली को पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।