वाराणसी नगर निगम ने जारी किया ऐतिहासिक म्यूनिसिपल बांड, जानिए इससे क्या होगा और कैसे ये आम लोगों के लिए फायदेमंद होगा

वाराणसी। वाराणसी नगर निगम ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए म्यूनिसिपल बांड जारी कर निजी प्लेसमेंट के आधार पर 50 करोड़ रुपये जुटाए। उत्तर प्रदेश में यह अब तक की सबसे कम 8.01 प्रतिशत कूपन दर है, जो गाजियाबाद, प्रयागराज, आगरा और लखनऊ के नगर निगमों की तुलना में न्यूनतम है। इस बांड को इंडिया रेटिंग्स और एक्यूट से 'डबल ए' रेटिंग मिली है।
बोली नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के इलेक्ट्रॉनिक बिडिंग प्लेटफॉर्म पर लगाई गई। प्रक्रिया नगर विकास विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात की अध्यक्षता में उनके कक्ष में पूरी हुई। म्यूनिसिपल बांड जारी करने में ए.के. कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड ने ट्रांजेक्शन एडवाइजर और मर्चेंट बैंकर की भूमिका निभाई, जबकि एकेएस कंसल्टेंसी एंड सर्विसेज ने आंतरिक सलाहकार के रूप में योगदान दिया।
जुटाई गई राशि से दो प्रमुख कार्य किए जाएंगे:
सिगरा के डॉ. संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम में मार्केट कॉम्प्लेक्स और होटल का निर्माण, साथ ही शहर के बुनियादी विकास कार्य।
लहुराबीर रोड पर घोड़ा भूमि पर भूमिगत पार्किंग के साथ मार्केट कॉम्प्लेक्स का विकास, जिससे पार्किंग समस्या का समाधान होगा और पर्यटकों व स्थानीय नागरिकों को सुविधा मिलेगी।
इस बांड को उत्तर प्रदेश सरकार के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड का समर्थन प्राप्त है, और भारत सरकार से नगर निगम को 6.50 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी। प्रथम चरण में बांड में बैंक, इंश्योरेंस कंपनियां और अन्य बड़ी संस्थाएं निवेश कर सकती हैं।
कार्यक्रम में विशेष सचिव अरुण प्रकाश, नगर आयुक्त अक्षत वर्मा, मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी आत्मधर प्रकाश द्विवेदी, लेखाधिकारी अयोध्या प्रसाद तिवारी, चार्टर्ड एकाउंटेंट अचल श्रीवास्तव और स्टॉक एक्सचेंज के प्रतिनिधि मौजूद रहे। महापौर अशोक कुमार तिवारी ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि यह वाराणसी के लिए ऐतिहासिक क्षण है। इससे नगर निगम की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और शहर का सर्वांगीण विकास होगा। उन्होंने नगरवासियों को बधाई भी दी।
म्यूनिसिपल बांड क्या होता है? आसान शब्दों में समझें
म्यूनिसिपल बांड एक तरह का कर्ज़ा होता है, जो नगर निगम या स्थानीय सरकारें जारी करती हैं ताकि शहर के विकास के लिए पैसे जुटा सकें। इसे आप एक उधार के पेपर की तरह समझ सकते हैं। नगर निगम इस बांड को बेचकर लोगों, बैंकों या कंपनियों से पैसा लेता है और बदले में उन्हें ब्याज देता है। यह पैसा शहर में सड़क, पार्किंग, स्टेडियम, मार्केट या अन्य ज़रूरी प्रोजेक्ट्स के लिए इस्तेमाल होता है। जैसे वाराणसी में यह पैसा पार्किंग और मार्केट कॉम्प्लेक्स बनाने में लगेगा।
म्यूनिसिपल बांड में निवेश करने वाले को तय समय पर ब्याज मिलता है और एक निश्चित अवधि बाद मूल राशि भी वापस कर दी जाती है। यह बांड सुरक्षित माने जाते हैं क्योंकि इन्हें सरकार का समर्थन होता है, और इन्हें क्रेडिट रेटिंग भी दी जाती है, जैसे वाराणसी को 'डबल ए' रेटिंग मिली, जो बताती है कि यह बांड कितना भरोसेमंद है। आसान भाषा में, यह शहर को बेहतर बनाने के लिए एक तरह का सामूहिक निवेश है।