वाराणसी नाइट मार्केट के ठेला-पटरी वालों को 48 घंटे का अल्टीमेटम, नगर निगम ने की मार्किंग, हुई नोकझोंक

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में करोड़ों रुपये की लागत से बसाया गया वाराणसी का नाइट मार्केट अब गंभीर विवादों में घिर गया है। मंगलवार रात नगर निगम और स्मार्ट सिटी मिशन के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने अचानक नाइट मार्केट का निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों ने ठेला-पटरी दुकानदारों को 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि वे स्वयं अपनी दुकानें हटा लें, अन्यथा बलपूर्वक कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण के दौरान मौके पर मौजूद दुकानदारों और अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली। नगर निगम प्रवर्तन दल और स्मार्ट सिटी टीम ने दुकानों पर मार्किंग की कार्रवाई भी की।

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अव्यवस्था और अनदेखी बनी नाइट मार्केट की पहचान
स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों का कहना है कि नाइट मार्केट में जल निकासी, सफाई और ट्रैफिक नियंत्रण जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। संचालन की जिम्मेदारी जिस श्रेया इंटरप्राइजेज को सौंपी गई थी, उस पर दुकानों के मनमाने आवंटन और मोटी रकम वसूली के गंभीर आरोप लगे हैं। जांच में अनियमितताएं सामने आने के बाद शासन ने स्मार्ट सिटी द्वारा किए गए सभी आवंटन निरस्त कर दिए हैं और श्रेया इंटरप्राइजेज पर बकाया करोड़ों रुपये की वसूली का आदेश भी जारी किया गया है।

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अब नगर निगम और जिला प्रशासन इस बाजार को पूरी तरह खाली कराने की तैयारी में जुट गया है। इस निर्णय से दुकानदारों में रोष है। उनका कहना है कि उन्होंने अपनी जमापूंजी लगाकर दुकानें स्थापित की हैं, और अब अचानक हटाए जाने का फरमान दिया जा रहा है। इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रीय फेरी पटरी ठेला व्यवसायी समिति के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक निगम ने कहा कि यह बाजार प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत 9 करोड़ की लागत से कैण्ट क्षेत्र के स्ट्रीट वेंडरों को समर्पित करते हुए स्थापित किया गया था। 

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उन्होंने कहा कि नगर निगम और स्मार्ट सिटी के कुछ अधिकारी यहां निरीक्षण के लिए आए थे और उन्होंने सिर्फ सावन के दौरान पुल के नीचे नॉनवेज विक्रेताओं को प्रतिबंधित करने की बात कही है। अभिषेक निगम ने साफ कहा कि नाइट मार्केट को हटाने का कोई सवाल नहीं उठता। “जब बसाने वाला इतना शक्तिशाली है, तो हटाने वाले इतने कमजोर लोग हमें हटा नहीं सकते। इसका समाधान केवल बातचीत से ही संभव है,” उन्होंने कहा। नाइट मार्केट को लेकर प्रशासन और दुकानदारों के बीच तनाव बना हुआ है। अब देखना यह होगा कि इस परियोजना को पटरी पर लाने के लिए क्या रास्ता निकलेगा।

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