वाराणसी: प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना ने की विकास परियोजनाओं की समीक्षा बैठक, अधिकारियों के कसे पेंच, काशी के बदलते स्वरुप पर हुई चर्चा

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वाराणसी। उत्तर प्रदेश सरकार में वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री तथा जनपद के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में शनिवार को विकास भवन सभागार में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले में चल रही विभिन्न विकास परियोजनाओं की प्रगति, प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने में वाराणसी के योगदान, और आमजन तक योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर व्यापक चर्चा की गई। बैठक की शुरुआत में जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने पुष्पगुच्छ भेंट कर प्रभारी मंत्री का स्वागत किया। इसके बाद मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने जिले में संचालित योजनाओं और परियोजनाओं पर आधारित एक प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया।

मुख्य विकास अधिकारी ने अपने प्रस्तुतीकरण में काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर, रिंग रोड परियोजना, स्वर्वेद मंदिर, नमो घाट, कैंसर अस्पताल, अमूल डेयरी और बुद्धा थीम पार्क जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं के माध्यम से वाराणसी के बदलते स्वरूप को रेखांकित किया। साथ ही उन्होंने बताया कि भविष्य में रोपवे सेवा, गंगा एक्सप्रेसवे, मल्टी मॉडल टर्मिनल और टाउनशिप परियोजनाओं से जिले के विकास को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।

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बैठक में जल जीवन मिशन के कार्यों की गहन समीक्षा करते हुए प्रभारी मंत्री ने निर्देश दिया कि रोड रेस्टोरेशन के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण स्थानीय विधायकों की मौजूदगी में कराया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सड़कें पूरी तरह दुरुस्त होनी चाहिए, कहीं भी उबड़-खाबड़ या अधूरी मरम्मत न हो। उन्होंने कहा कि कामचलाऊ रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और शत-प्रतिशत गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए।

शहर में बढ़ती जाम की समस्या पर प्रभारी मंत्री ने पुलिस विभाग और नगर निगम को समन्वय स्थापित कर प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य सड़कों पर अतिक्रमण हटाने, वन वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू करने और सड़कों के किनारे ग्रिल लगाने जैसे उपायों को शीघ्रता से अमल में लाने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी सूरत में मुख्य मार्गों का आवागमन बाधित नहीं होना चाहिए और यातायात प्रबंधन में पूर्ण सजगता बरती जाए।

बैठक में मत्स्य विभाग की योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने पर भी विशेष बल दिया गया। प्रभारी मंत्री ने सभी जनप्रतिनिधियों से अपील किया कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की अनुदानित योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करें ताकि हर पात्र व्यक्ति को योजनाओं का लाभ मिल सके।

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विद्युत विभाग द्वारा गलत बिलिंग को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों पर प्रभारी मंत्री ने नाराजगी जताई और स्पष्ट निर्देश दिए कि यदि सुधार नहीं किया गया तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि जनता को अनावश्यक परेशानी से बचाना सरकार की प्राथमिकता है।

रोजगार और स्वरोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए। प्रभारी मंत्री ने जीएम डीआईसी को निर्देशित किया कि इस योजना का अधिकतम प्रचार जनप्रतिनिधियों के सहयोग से कराया जाए। साथ ही बैंकों को भी निर्देशित किया गया कि वे ऋण वितरण प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाएं। प्रभारी मंत्री ने बैंकों द्वारा ऋण आवेदनों को अस्वीकार करने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और जिलाधिकारी को स्वयं इसकी निगरानी करने को कहा। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि उद्योग और स्वरोजगार के लिए किसी भी आवेदन को निरस्त नहीं किया जाना चाहिए और आवश्यकता अनुसार बैंकों से संवाद स्थापित कर लाभार्थियों को ऋण दिलाने की प्रक्रिया को तेज किया जाए।

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बैठक में पर्यटन, मेडिकल टूरिज्म, होम स्टे, गंगा नदी में क्रूज संचालन और इलेक्ट्रिक नावों के उपयोग जैसे उपायों के माध्यम से तृतीयक क्षेत्र को सशक्त बनाने के प्रयासों की भी समीक्षा की गई। कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सीड पार्क की स्थापना, कृषकों के बीच मिनीकिट वितरण, कृषि उत्पादों के निर्यात और एग्रीटेक स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने जैसे उपायों को भी चिह्नित किया गया।

स्टाम्प राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल ने जिले में सब्जी और फूल उत्पादन को बढ़ाने, देशी नस्ल की गायों की मंडी स्थापित करने और ऑनलाइन एनओसी की प्रक्रिया में तेजी लाने के सुझाव दिए। उन्होंने 'चलो रोजगार करें' अभियान चलाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि महाविद्यालयों में कार्यशालाओं के माध्यम से उद्यमिता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

आयुष राज्य मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र 'दयालु' ने फालसा, महोगनी, लाल चंदन और सागौन जैसे आर्थिक दृष्टि से लाभकारी पौधों के रोपण को प्रोत्साहित करने की बात कही। विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी ने गंगा पार राजघाट से रामनगर तक प्रस्तावित इलीवेटेड सड़क परियोजना और दालमंडी सड़क निर्माण कार्यों के लिए आवश्यक बजट शीघ्र उपलब्ध कराने का आग्रह किया।

विधान परिषद सदस्य राय धर्मेंद्र सिंह ने विद्युत आपूर्ति की समस्याओं पर ध्यान दिलाते हुए विकास समिति की सक्रियता, गंगा पार फुट ओवरब्रिज के निर्माण और सेंट्रल जेल को अन्यत्र स्थानांतरित कर वहां उद्योग मंडी बनाने का सुझाव दिया।

बैठक के समापन पर जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने प्रभारी मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मंत्री जी द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि वाराणसी जिला, शासन की अपेक्षाओं के अनुरूप प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

बैठक में महापौर अशोक तिवारी, विधायक डॉ. अवधेश सिंह, त्रिभुवन राम, सौरभ श्रीवास्तव, डॉ. सुनील पटेल, सदस्य विधान परिषद हंसराज विश्वकर्मा, महानगर उपाध्यक्ष प्रदीप अग्रहरि, उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण पुलकित गर्ग, नगर आयुक्त अक्षत वर्मा, डीएफओ स्वाति सिंह समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

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इससे पहले प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना ने प्रधानमंत्री के संसदीय जनसंपर्क कार्यालय पहुंचकर जनसुनवाई भी की और प्राप्त शिकायतों के शीघ्र निस्तारण हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
 

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