वाराणसी : पद्मावत के पांच सौ वर्ष पूरे होने पर BHU में व्याख्यान्न, विद्वानों ने रखे विचार

वाराणसी। पद्मावत के 500 वर्ष पूर्ण होने पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय में विशेष व्याख्यान्न का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महामना की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। व्याख्यान्न का मुख्य विषय मानुष प्रेम बायुत भएउ भाई बैकुंठी रहा। कार्यक्रम में विद्वानों ने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता बीएचयू हिंदी विभाग के रिटायर्ड प्रोफेसर अवधेश प्रधान रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर सदानंद शाही ने कहा कि बीएचयू ने एक विशेष व्याख्यानमाला शुरू की है। इस विशेष व्याख्यानमाला में हिंदी के गौरवशाली काव्य है। उन महाकाव्यों पर बातचीत किया गया। उन्होंने कहा कि पद्मावत महाकाव्य के 500 साल पूरे हो रहे हैं। इस पर व्याख्यान्न हुआ। विद्वानों ने अपने विचार रखे। कहा कि रामचरितमानस के 450 वर्ष पूर्ण हुए हैं इस पर भी 12 जून को कोलकाता के विद्वान प्रोफेसर शंभू नाथ का भी व्याख्यान होगा।
उन्होंने कहा कि बनारस की धरती पर भी कामायनी महाकाव्य लिखा गया। यह आधुनिक हिंदी की सबसे मूल्यवान उपलब्धि है। उस कामायनी पर भी हम लोगों द्वारा तीन जिलों का राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित किया जाएगा।
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