वाराणसी : साल में एक बार ही मिलते हैं काले हनुमान जी के दर्शन, उमड़ते हैं लाखों श्रद्धालु
वाराणसी। रामनगर दुर्ग में दक्षिण दिशा की ओर स्थित श्यामवर्ण दक्षिणमुखी हनुमान जी मंदिर के कपाट साल में एक बार ही आम श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते हैं। इस बार 27 अक्टूबर को मंदिर के पट खोले जाएंगे। भोर की आरती वाले दिन हनुमान जी के दर्शन का विशेष पुण्य लाभ मिलता है। इस दिन लगभग 10 लाख लोग दर्शन करते हैं।
ऐसी मान्यता है कि रामेश्वरम में लंका जाने के लिए भगवान श्रीराम ने जब समुद्र से रास्ता मांगा तो पहले उसने इनकार कर दिया। इससे कुपित प्रभु श्रीराम ने बाण से समुद्र को सुखा देने की चेतावनी दी। इससे भयभीत होकर समुद्र प्रकट हुआ और माफी मांगी। इसके बाद प्रभु ने प्रत्यंचा पर चढ़े बाण को पश्चिम दिशा की ओर छोड़ दिया।
बाण के तेज से धरतीवासियों को बचाने के लिए हनुमान जी घुटनों के बल बैठ गए। श्रीराम के बाण से हनुमान जी की पूरी देह झुलस गई, इसके चलते उनका रंग काला पड़ गया। इस मंदिर में प्रतिस्थापित हनुमान जी की प्रतिमा इसलिए श्यामवर्ण में है। मान्यता है कि काशीराज परिवार को यह प्रतिमा किले की खोदाई के दौरान मिली थी। काशीराज परिवार ने किले के ही दक्षिणी छोर पर मंदिर का निर्माण कराकर इसे प्रतिस्थापित कराया।
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