वाराणसी बन रहा है रेलवे लोकोमोटिव निर्यात का बड़ा केंद्र, बरेका ने मोज़ाम्बिक को भेजा छठा इंजन

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वाराणसी। बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन कर रहा है। बरेका द्वारा निर्मित स्वदेशी 3300 हॉर्स पावर एसी–एसी डीजल-इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव की छठी इकाई 15 दिसंबर 2025 को मोज़ाम्बिक के लिए रवाना की गई। बरेका को मोज़ाम्बिक के लिए ऐसे कुल 10 लोकोमोटिव निर्यात करने का ऑर्डर मिला है, जिनमें से छह अब तक भेजे जा चुके हैं।

ये लोकोमोटिव एम/एस राइट्स (RITES) के माध्यम से किए गए अनुबंध के तहत तैयार किए जा रहे हैं। इससे पहले दो लोकोमोटिव जून 2025 में, तीसरा सितंबर में, चौथा अक्टूबर में और पांचवां 12 दिसंबर को निर्यात किया गया था। लगातार हो रहे निर्यात से यह साफ है कि वैश्विक रेलवे बाजार में भारतीय तकनीक पर भरोसा बढ़ा है।

वाराणसी। बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन कर रहा है। बरेका द्वारा निर्मित स्वदेशी 3300 हॉर्स पावर एसी–एसी डीजल-इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव की छठी इकाई 15 दिसंबर 2025 को मोज़ाम्बिक के लिए रवाना की गई। बरेका को मोज़ाम्बिक के लिए ऐसे कुल 10 लोकोमोटिव निर्यात करने का ऑर्डर मिला है, जिनमें से छह अब तक भेजे जा चुके हैं।

बरेका में बने ये अत्याधुनिक लोकोमोटिव 3300 हॉर्स पावर क्षमता के हैं और 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम हैं। ये केप गेज (1067 मिमी) के अनुसार डिजाइन किए गए हैं और इनमें चालक के लिए रेफ्रिजरेटर, हॉट प्लेट, मोबाइल होल्डर जैसी आधुनिक सुविधाएं दी गई हैं। इससे न केवल परिचालन क्षमता बढ़ती है, बल्कि चालक को भी बेहतर सुविधा मिलती है।

वाराणसी। बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन कर रहा है। बरेका द्वारा निर्मित स्वदेशी 3300 हॉर्स पावर एसी–एसी डीजल-इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव की छठी इकाई 15 दिसंबर 2025 को मोज़ाम्बिक के लिए रवाना की गई। बरेका को मोज़ाम्बिक के लिए ऐसे कुल 10 लोकोमोटिव निर्यात करने का ऑर्डर मिला है, जिनमें से छह अब तक भेजे जा चुके हैं।

भारतीय रेल के सार्वजनिक उपक्रम बरेका ने अब खुद को एक प्रमुख लोकोमोटिव निर्यात केंद्र के रूप में स्थापित कर लिया है। स्वदेशी डिजाइन और आधुनिक तकनीक के बल पर बरेका लगातार अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत की मौजूदगी को मजबूत कर रहा है। वर्ष 2014 से अब तक बरेका श्रीलंका, म्यांमार और मोज़ाम्बिक जैसे देशों को लोकोमोटिव निर्यात कर चुका है।

‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ की सोच के अनुरूप, बरेका की ये उपलब्धियां भारत की बढ़ती तकनीकी आत्मनिर्भरता को दर्शाती हैं। इससे न केवल देश की रेलवे तकनीक को वैश्विक पहचान मिल रही है, बल्कि भारत विश्वसनीय रेलवे उपकरण निर्यातक के रूप में भी अपनी मजबूत छवि बना रहा है।

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