वाराणसी में पुलिस ने मुठभेड़ में दबोचा इंटरस्टेट शातिर टप्पेबाज, गोरखपुर से बनारस तक के थानों में दर्ज हैं 28 मुकदमे, महिलाओं को बनाता था अपना शिकार
गिरफ्तार अभियुक्त सुरेन्द्र जायसवाल एक शातिर अन्तर्राज्यीय अपराधी है। जिसके ऊपर पूर्व में गम्भीर धाराओं में यूपी के विभिन्न थानों में 28 मुकदमे दर्ज हैं। जो चोरी, चैन स्नैचिंग, लूट, नशीले पदार्थो की तस्करी, टप्पेबाजी आदि अपराध करने का अभ्यस्त अपराधी है तथा पूर्व में भी पुलिस मुठभेड़ कर चुका है। वह मूलरूप से गोरखपुर का रहने वाला है। पूर्व में भी पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर अनेकों बार जेल भी जा चुका है। अभियुक्त वाराणसी में मुख्यत: वृद्ध एवं सम्पन्न महिलाओं को निशाना बनाकर अपनी बातों फंसाकर पहले उनके घर के किसी सदस्य का करीबी होने की बात कहता व खुद को गहना व्यापारी बताते हुए उन्हें विश्वास में लेकर उनके गहने उतरवा लेता व सही समय देखकर उन्हें रास्ते में गुमराह कर खुद भाग जाता था।
पुलिस को मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि कोई अपराधी बिना नंबर प्लेट की गाड़ी से क्षेत्र में आने वाला है। इसके बाद पुलिस क्षेत्र में गाड़ियों की चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान एक व्यक्ति बिना नंबर प्लेट की गाड़ी लेकर भागने लगा। इसके बाद वह पुलिस को देख फायरिंग भी करने लगा। इस दौरान आमने सामने की फायरिंग में पुलिस ने उसके पैर में गोली मारी और उसे घायल अवस्था में गिरफ्तार किया है। पुलिस उसका अस्पताल में ईलाज करा रही है।
डीसीपी ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि अभियुक्त ने पूछताछ करने पर बताया कि मेरे पास जो रेडमी मोबाईल, अंगूठी व लाकेट हैं, उन्हें आज से लगभग 20 दिन पहले भुवनेश्वर नगर कालोनी अर्दली बाजार से एक वृद्ध महिला से टप्पेबाजी किया था। इसके साथ ही एक चैन को दिखाते हुए बताया कि यह मैंने डबल ट्री होटल के सामने से लगभग 10 दिन पहले वृद्ध महिला से टप्पेबाजी किया था तथा उसी दिन मैंने बाबतपुर में भी चेन टप्पेबाजी किया था। बरामदशुदा और मालों के सम्बन्ध में पूछा गया तो अभियुक्त द्वारा बताया गया कि बार- बार अलग अलग जगहों से इसी तरह टप्पेबाजी करता हूँ और उसे बेच कर पैसा ले लेता हूँ। यह जो मेरे पास 2 चैन, 2 टप्स, 1 कंगन सोने का है, मुझे ध्यान नहीं है कि कहां की टप्पेबाजी से है। मैं हमेशा लखनऊ, बाराबंकी, बस्ती, बहराईच, गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, पटना आदि हर जगह जाकर लूट व टप्पेबाजी करता रहता हूँ तथा कई बार पकड़े जाने पर जेल भी जा चुका हूं।
आरोपी की गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में इंस्पेक्टर कैंट राजू सिंह , सब इंस्पेक्टर सुरेन्द्र कुमार शुक्ला, सब इंस्पेक्टर गौरव कुमार मिश्रा, सब इंस्पेक्टर आयुष पाण्डेय, सब इंस्पेक्टर प्रवेश कुमार कुन्तल, सब इंस्पेक्टर राम जनम यादव, सब इंस्पेक्टर अंकित कुलश्रेष्ठ, हेड कांस्टेबल बृज बिहारी ओझा, हेड कांस्टेबल अखिलेश यादव, हेड कांस्टेबल रामकुमार सिंह, हेड कांस्टेबल दिवाकर वत्स, कांस्टेबल सचिन मिश्रा, कांस्टेबल आशीष मिश्रा, कांस्टेबल गोपाल सिंह व कांस्टेबल नागेन्द्र शामिल रहे।
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