वाराणसी : खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में खरीदारों की भारी भीड़, छह दिन में बिक्री 1.13 करोड़ के पार

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वाराणसी। उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा आयोजित खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी इन दिनों खरीदारों का प्रमुख आकर्षण बनी हुई है। चौकाघाट स्थित अर्बन हॉट प्रांगण में 20 दिसंबर से शुरू हुई यह दस दिवसीय प्रदर्शनी 29 दिसंबर तक चलेगी। प्रदर्शनी में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की व्यापक रेंज उपलब्ध होने के कारण प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग खरीदारी के लिए पहुंच रहे हैं।

परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी यूपी सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि खादी केवल एक वस्त्र नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और स्वदेशी भावना का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि “खादी के साथ हमारी आजादी जुड़ी हुई है और यह असली स्वदेशी कपड़ा है, जो रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।” उन्होंने बताया कि कपास, रेशम और ऊन के हाथ से कते सूत से भारत के हथकरघों पर बुना गया वस्त्र ही खादी कहलाता है। खादी की खासियत यह है कि यह गर्मी में ठंडक और सर्दी में गर्माहट प्रदान करता है, जिससे शरीर को मौसम के प्रभाव से काफी हद तक राहत मिलती है।

उन्होंने बताया कि एक समय खादी को साधारण वस्त्र माना जाता था, लेकिन अब यह फैशन का हिस्सा बन चुकी है। आधुनिक डिजाइनों और बेहतर गुणवत्ता के कारण हर आयु वर्ग के लोगों में खादी की मांग तेजी से बढ़ रही है। प्रदर्शनी के पहले छह दिनों में ही खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री 1.13 करोड़ रुपये से अधिक हो चुकी है, जो खादी एवं ग्रामोद्योग परिवार के लिए उत्साहजनक संकेत है।

यू.पी. सिंह ने कहा कि इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वरोजगार के प्रति प्रेरित करना और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना है, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सके। प्रदर्शनी में वाराणसी जनपद के साथ-साथ उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों जैसे प्रतापगढ़, मीरजापुर, कुशीनगर और प्रयागराज की पंजीकृत इकाइयों द्वारा लगाए गए कुल 125 स्टॉल शामिल हैं। इनमें 22 स्टॉल खादी उत्पादों के और 103 स्टॉल ग्रामोद्योग से जुड़े उत्पादों के हैं। खरीदारों की बढ़ती भीड़ और शानदार बिक्री को देखते हुए आयोजकों को उम्मीद है कि प्रदर्शनी के समापन तक बिक्री के नए कीर्तिमान स्थापित होंगे।

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