वाराणसी : गौरी स्वरूप में भक्तों को दर्शन देती हैं मां अन्नपूर्णा, फेरी लगाने से पूरी होती है मनोकामना, नहीं आती दरिद्रता
वाराणसी। नवरात्र के आठवें दिन माता अन्नपूर्णा के दर्शन का विधान है। धर्म की नगरी काशी में बाबा विश्वनाथ के धाम के समीप माता विराजमान हैं। माता गौरी स्वरूप में भक्तों को दर्शन देती हैं। माता का स्वरूप अत्यंत शुभफलदायी माना गया है। ऐसे में भक्तों की भीड़ सुबह से ही माता के दर्शन को उमड़ पड़ी। माता के दर्शन-पूजन के बाद फेरी लगाने से भक्तों की सारी मनोकामना पूरी होती है। उनके घर में कभी दरिद्रता नहीं आती।
अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने बताया कि काशी का अतिप्राचीन अन्नपूर्णा मंदिर है। नवरात्र के आठवें दिन माता अपने भक्तों को गौरी स्वरूप में दर्शन देती हैं। मंदिर सुबह चार बजे से ही खोल दिया गया, तभी से भक्तों की कतार लगी है। जो भक्त पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ दर्शन करने आता है। उसकी सारी मनोकामनाएं माता पूरी करती हैं।
उन्होंने बताया कि यदि किसी समस्या के निवारण अथवा मनोकामना के साथ भक्त आते हैं तो माता की 3, 9, 16, 21, 51 या 108 फेरी लगाएं। इससे निश्चित है कि उन समस्याओं से मुक्ति मिलेगी। वहीं मनोकामना पूरी होगी। कहा कि मां अन्नपूर्णा जब बाबा विश्वनाथ को भिक्षा देती हैं तो निश्चित है कि मानव का कल्याण करती हैं। गौरी के रूप में कुवांरी कन्याएं, शक्ति के रूप में विवाहित स्त्रियां और मां के रूप में वृद्ध महिलाओं को पूजा जाता है। यहां शक्ति के तीनों स्वरूपों का संगम है। गौरी का एक अलग स्वरूप विद्यमान है।
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