वाराणसी में बाढ़ : राहत और बचाव कार्य में जुटा प्रशासन, तत्परता के चलते मारुति नगर कॉलोनी में नहीं घुसा पानी
वाराणसी। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने के बावजूद वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र के मारुति नगर, सामने घाट, मदरवा, और बालाजी नगर जैसे बाढ़ प्रभावित इलाकों में इस बार पानी नहीं घुसा। जिला प्रशासन के समय रहते उठाए गए कदमों और ज्ञान प्रवाह के पास बनाए गए फाटक ने इन क्षेत्रों को बाढ़ के कहर से बचाने में बड़ी भूमिका निभाई है।

पहले की स्थिति
पिछले कई वर्षों से इन इलाकों में गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ ही पानी भर जाता था, जिससे लोगों को आने-जाने में भारी परेशानी होती थी। जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर लोगों को उनके घरों से सुरक्षित निकालती थीं। जो लोग घर छोड़कर नहीं जा पाते थे, उनके लिए प्रशासन राहत सामग्री पहुंचाता था। स्थानीय लोगों ने बार-बार जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर इस समस्या का समाधान करने की मांग की थी।

फाटक और पंपों की व्यवस्था
लोगों की मांग को देखते हुए जिला प्रशासन ने ज्ञान प्रवाह के पास गंगा के पानी को रोकने के लिए एक फाटक बनवाया। इस बार सामने घाट फाटक पर एक बड़ा पंप और चार छोटे पंप लगाए गए हैं, जो लगातार पानी निकाल रहे हैं। इस व्यवस्था के कारण गंगा का पानी मारुति नगर, सामने घाट, और बालाजी नगर जैसे क्षेत्रों में नहीं पहुंच पाया है।

स्थानीय लोगों ने जताया आभार
इस प्रभावी कदम से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों ने राहत की सांस ली है। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन, क्षेत्रीय पार्षद, विधायक, और जिला अध्यक्ष को दिल से धन्यवाद दिया। लोगों का कहना है कि इतना अधिक जलस्तर बढ़ने के बावजूद उनके क्षेत्रों में पानी नहीं घुसा, जिससे ये इलाके बाढ़ के प्रकोप से बचे हुए हैं।

प्रशासन की सक्रियता
जिला प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और पंपों की व्यवस्था ने न केवल बाढ़ के पानी को रोका, बल्कि लोगों के जीवन को सामान्य रखने में भी मदद की। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन के इस प्रयास की सराहना की और उम्मीद जताई कि भविष्य में भी ऐसी व्यवस्थाएं बरकरार रहेंगी।


