वाराणसी : स्विट्जरलैंड व आस्ट्रिया के एक्सपर्ट्स ने सुझाया रास्ता, शाही नाला को बिना छेड़े पूरा होगा रोपवे का काम  

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वाराणसी। रोपवे निर्माण के लिए शाही नाला को नहीं छेड़ा जाएगा। नाले के किनारे पिलर बनाए जाएंगे। इसकी जद में आने वाले निर्माण ध्वस्त होंगे। स्विट्जरलैंड व आस्ट्रिया के एक्सपर्ट्स की राय लेने के बाद यह निर्णय लिया गया है। ऐसे में गिरिजाघर के पास रोपवे निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। 

रोपवे निर्माण के लिए सर्वे कराया गया था। उस दौरान पता चला कि गिरिजाघर के पास नीचे शाही नाला बहता है। इस पर ही शहर की पूरी सीवर व्यवस्था निर्भर है। इसकी जांच के लिए चार फीट चौड़ा और चार फीट लंबा गड्ढा खोदकर नाले के स्वरूप को देखा गया। इस दौरान विशेषज्ञों ने राय दिया कि कंक्रीट का टी बनाकर इसका निर्माण कराया जा सकता है। इससे शाही नाले को कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन भविष्य में नाला धंसा तो पिलर के भी धंसने का खतरा हो सकता है। 

स्विट्जरलैंड और आस्ट्रिया के विशेषज्ञों की राय ली गई तो उन्होंने बताया कि नाले के किनारे नींव बनाकर पिलर खड़े किए जा सकते हैं। इस पर सहमति के बाद गिरिजाघर के आसपास के निर्माण कार्यों को तोड़ा जा रहा है, ताकि नींव बनाने में किसी प्रकार की दिक्कत न आने पाए। 

पहले बनेगा विद्यापीठ व रथयात्रा का स्टेशन
रोपवे निर्माण के लिए काशी विद्यापीठ व रथयात्रा का स्टेशन बनकर तैयार होगा। यहां गंडोला के लिए प्लेटफार्म बनाने का काम चल रहा है। रोपवे के लिए उपकरण स्विट्जरलैंड और रोप आस्ट्रिया से मंगाई जा रही है। इसके निर्माण पर 807 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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