वाराणसी : फर्जी मेडिकल रिपोर्ट पर कोर्ट सख्त, पूर्व एसओ और डॉक्टर पर केस दर्ज करने का आदेश

वाराणसी। मिर्जापुर के जिला पंचायत अध्यक्ष राजू कन्नौजिया को पुलिस कस्टडी में प्रताड़ित करने और फर्जी मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने के मामले में कोर्ट ने चोलापुर थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष अशोक सिंह यादव और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चोलापुर के डॉक्टर करन गौतम के खिलाफ परिवाद दर्ज करने का आदेश दिया है। यह आदेश मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनीष कुमार की अदालत ने सोमवार को पारित किया।
मामले की पूरी पृष्ठभूमि 30 अक्तूबर 2018 की है, जब चोलापुर थाना क्षेत्र के कटारी गांव निवासी राजू कन्नौजिया को पुलिस ने उनके घर से गिरफ्तार किया था। आरोप है कि थाने ले जाकर पुलिस टीम ने उन्हें बुरी तरह पीटा, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। इसके बावजूद 31 अक्तूबर को उन्हें चालान कर दिया गया। गिरफ्तारी के बाद किए गए मेडिकल मुआयने में कथित रूप से चोलापुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर करन गौतम ने थानाध्यक्ष के प्रभाव में आकर शरीर पर लगी चोटों का उल्लेख शून्य कर दिया, जबकि कन्नौजिया के पेट और हाथों में गंभीर चोटें थीं।
राजू कन्नौजिया ने इस पूरे प्रकरण के विरुद्ध कोर्ट में अपने अधिवक्ता के माध्यम से प्रार्थना पत्र दाखिल किया था, जिसे पहले अवर न्यायालय ने निरस्त कर दिया था। इसके विरुद्ध उन्होंने सत्र न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका दाखिल की, जिसे स्वीकार कर लिया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अब आदेश दिया है कि इस मामले को परिवाद के रूप में दर्ज किया जाए और संबंधित पत्रावली 23 मई 2025 को बयान के लिए कोर्ट में प्रस्तुत की जाए। अधिवक्ता के अनुसार, यह मामला न केवल पुलिसिया दमन को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे मेडिकल रिपोर्ट का दुरुपयोग कर साक्ष्य को कमजोर किया जा सकता है।