वाराणसी : कांग्रेसजनों को दालमंडी जाने से रोका, सरकार पर लगाया पक्षपात का आरोप, संसद व विधानसभा में उठाएंगे मुद्दा
वाराणसी। दालमंडी इलाके में चल रही प्रशासनिक कार्रवाई को लेकर व्यापारियों में भारी आक्रोश है। स्थानीय दुकानदारों का आरोप है कि उन्हें बिना पूर्व सूचना और उचित वैधानिक प्रक्रिया के तहत उनकी दुकानों से बेदखल किया जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस भी मुखर है। रविवार को दालमंडी जाने से कांग्रेसजनों को रोक दिया गया। इससे नाराज कांग्रेसजनों ने सरकार और प्रशासन पर पक्षपात और मनमानी का आरोप लगाते हुए विरोध दर्ज कराया।

शनिवार को कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे के नेतृत्व में पार्टी का प्रतिनिधि मंडल दालमंडी क्षेत्र के पीड़ित दुकानदारों से मिलने और उनकी समस्याएं जानने के उद्देश्य से दौरे पर जाने वाला था। वाराणसी पुलिस ने सुबह से ही कांग्रेस नेताओं के घरों पर पुलिस बल तैनात कर दिया, जिससे प्रतिनिधिमंडल को रोका जा सके। कांग्रेस पार्षद दल के नेता गुलशन अली और अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे के आवास पर भी पुलिस का पहरा लगाया गया।
इसके बावजूद राघवेंद्र चौबे के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता बेनिया पार्क तक पहुंच गए, जहां एसीपी दशाश्वमेध डॉ. अतुल त्रिपाठी ने धारा 144 का हवाला देते हुए उन्हें दालमंडी जाने से पहले ही रोक दिया और कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल से ज्ञापन प्राप्त किया।

शासन की कार्रवाई को बताया एकतरफा
महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह केवल अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं है, बल्कि एक सोची-समझी साजिश है जिसके तहत व्यापारियों को डराया, धमकाया और उजाड़ा जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासनिक कार्रवाई में निष्पक्षता नहीं है और दालमंडी के हजारों दुकानदारों को बेवजह निशाना बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “यह क्षेत्र सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है जहां हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय वर्षों से मिल-जुलकर व्यापार करते आए हैं, लेकिन भाजपा सरकार की नीतियां जानबूझकर एकपक्षीय और विभाजनकारी हैं। इससे सामाजिक ताने-बाने को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है।”
प्रधानमंत्री और राज्यपाल से मिलने की मांग
कांग्रेस नेताओं ने बताया कि वे इस गंभीर मुद्दे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी वाराणसी दौरे के दौरान उनके समक्ष उठाना चाहते हैं और इसके लिए जिलाधिकारी के माध्यम से समय मांगा गया है। इसके साथ ही राज्यपाल से मिलने की भी मांग की गई है ताकि इस मामले को राज्य स्तर पर गंभीरता से उठाया जा सके।
राघवेंद्र चौबे ने स्पष्ट किया कि यह केवल कांग्रेस का आंदोलन नहीं है, बल्कि वाराणसी के आम व्यापारियों की लड़ाई है। “हम हर दुकानदार के साथ खड़े हैं और यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी के साथ अन्याय न हो। भाजपा सरकार व्यापारियों की आजीविका पर प्रहार कर रही है और पूरे शहर को प्रशासनिक दमन का केंद्र बना रही है।”
कांग्रेस ने जताया सड़कों से लेकर सदन तक संघर्ष का संकल्प
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को सिर्फ सड़कों पर ही नहीं, बल्कि विधानसभा और संसद तक उठाएगी। दालमंडी क्षेत्र के व्यापारियों की रोजी-रोटी छीनी जा रही है और कांग्रेस इसका हर स्तर पर विरोध करेगी। कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल में राघवेंद्र चौबे के साथ फसाहत हुसैन बाबू, सतनाम सिंह, अब्दुल हमीद डोडे, वकील अंसारी, अरुण सोनी, रमजान अली, वसीम अंसारी, हसन मेहदी कब्बन, मोनाजिर मंजू, रोहित दुबे, नरसिंह दास, मो. खालिद, विनीत चौबे, रामजी गुप्ता, किशन यादव, राजू गुप्ता, विकास पाण्डेय सहित कई कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक मौजूद रहे।

