वाराणसी : छिनौता मारपीट मामला गरमाया, फर्जी एफआईआर और जातीय उत्पीड़न के विरोध में राजभर समाज ने सौंपा ज्ञापन, कार्रवाई की मांग
वाराणसी। ग्राम सभा छितौना में राजभर समाज के लोगों के विरुद्ध दर्ज फर्जी मुकदमे को लेकर राजभर एकता महासमिति ने पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल और जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार को ज्ञापन सौंपकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। समिति ने आरोप लगाया है कि यह मामला एक गहरी साजिश का हिस्सा है, जिसमें करणी सेना द्वारा जबरन दबाव बनाकर पुलिस से एफआईआर दर्ज कराई गई है।
ज्ञापन के अनुसार, 5 जुलाई को थाना चौबेपुर क्षेत्र अंतर्गत ग्रामसभा छितौना में करणी सेना के लोगों ने पुलिस थाने में घुसकर तोड़फोड़ की, सरकारी कार्य में बाधा डाली और कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर व पूरे राजभर समाज के खिलाफ अपमानजनक नारेबाजी की। यह पूरी घटना कैमरे में कैद है और सोशल मीडिया पर वायरल भी हो चुकी है।

राजभर समाज का आरोप है कि करणी सेना के दबाव में आकर पुलिस ने पीड़ित पक्ष के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया, जबकि पीड़ित व्यक्ति उस समय आईसीयू में मरणासन्न अवस्था में था। इससे पहले भी थाना मिर्जामुराद क्षेत्र में फाया राजभर हत्याकांड में मुख्य आरोपी को करणी सेना के दबाव में छोड़ दिया गया था, जिससे इनके हौसले बुलंद हो गए हैं।

महासमिति ने मांग की है कि छितौना गांव की राजभर बस्ती में निवास करने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और वहां पुलिस बल की तैनाती की जाए। साथ ही, करणी सेना के उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए जिन्होंने थाने में घुसकर सरकारी कार्य में बाधा डाली और माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। राजभर समाज ने चेतावनी दी है कि यदि इस मामले में शीघ्र निष्पक्ष कार्रवाई नहीं हुई तो वे जिला स्तर पर एक विशाल धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।


