वाराणसी : पिंडरा पीएचसी के एमओआईसी की कार्यप्रणाली से सीडीओ नाराज, वेतन रोकने व अगले माह हटाने का दिया निर्देश
वाराणसी। जिला स्वास्थ्य समिति (शासी निकाय) की बैठक डीएम कैंप कार्यालय में हुई। इसमें स्वास्थ्य योजनाओं के प्रगति की समीक्षा की गई। सीडीओ हिमांशु नागपाल ने खराब कार्यप्रणाली पर पिंडरा पीएचसी के एमओआईसी का वेतन रोकने के साथ ही अगले माह से हटाने का निर्देश दिया।
सीडीओ ने कहा कि जनपद के सभी निजी चिकित्सालय 15 दिनों के अंदर इन्फॉर्मेंट आईडी प्राप्त कर शिशु के जन्म की सूचना को ऑनलाइन दर्ज करें। इसके साथ ही प्रसव की सूचना, हेपेटाइटिस बर्थ डोज़ की भी सूचना प्रत्येक माह निर्धारित समय पर प्रेषित की जाए। उन्होंने सेवापुरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), चोलापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) एवं शहरी क्षेत्र में प्रथम त्रैमास में प्रसव पूर्व जांच की उपलब्धि कम होने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। निर्देशित किया कि प्रथम त्रैमास में ही समस्त गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण शत-प्रतिशत किया जाए। जननी सुरक्षा योजना की के शत-प्रतिशत लाभार्थियों का भुगतान समयानुसार सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही नियमित टीकाकरण, मातृ मृत्यु, स्वस्थ दृष्टि-समृद्ध काशी एवं अन्य संचालित कार्यक्रमों की नियमित समीक्षा की।
अधिकारियों ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष जनपद में संचालित सभी 10 प्रथम संदर्भन इकाई (एफ़आरयू) में अब तक हुए कुल 4760 सिजेरियन प्रसव हुए हैं। परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत 6595 महिला नसबंदी, 238 पुरुष नसबंदी हुई। इसको ध्यान में रखते हुये मुख्य विकास अधिकारी ने सभी पीएचसी व सीएचसी को अपेक्षित लक्ष्य को अवश्य पूर्ण करने का निर्देश दिया। प्रत्येक ब्लॉक को 250 महिला नसबंदी करने का लक्ष्य दिया गया। वहीं शहरी क्षेत्र में प्रत्येक शहरी पीएचसी को 60 महिला नसबंदी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के अंतर्गत लक्ष्य के सापेक्ष 64.49 फीसदी पात्र महिलाओं का पंजीकरण किया गया। इसको जल्द से जल्द पीएमएमवीवाई 2.0 पोर्टल पर पंजीकृत करने के किए निर्देशित किया।
मुख्य विकास अधिकारी ने पिंडरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को कार्यों के प्रति कम उपलब्धि पाये जाने पर वेतन रोकने और अगले माह हटाने का निर्देश दिया। जनपद के सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिर (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) पर टेली कंसल्टेशन सेवा को बढ़ाए जाने का निर्देश दिया। अबतक इसके माध्यम से 51788 रोगियों को लाभ पहुंचाया जा चुका है। बैठक में उन्होंने फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 10 फरवरी से शुरू हो रहे ट्रिपल ड्रग थेरेपी आईडीए (आइवर्मेक्टिन, डीईसी एल्बेण्डाज़ोल) अभियान की तैयारियों व कार्ययोजना पर विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन अपने समक्ष कराएं। इस बीमारी की रोकथाम दवा के सेवन से ही की जा सकती है, इसलिए अभियान को गंभीरता से लें। इसके अलावा एक फरवरी (बृहस्पतिवार) को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस व मॉप राउंड (पांच फरवरी) की भी जानकारी ली।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी व जिला कार्यक्रम अधिकारी संतोष कुमार सिंह ने समस्त कार्यक्रमों की प्रगति के बारे में अवगत कराया। इस मौके पर समस्त राजकीय चिकित्सालयों के अधीक्षक, डिप्टी सीएमओ, एसीएमओ, डीएलओ, डीएमओ, एमओआईसी, डीएचईआईओ व अन्य विभागीय अधिकारी, डबल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूपीटीएसयू व अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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