वाराणसी : किसानों से जुड़ी योजनाओं में सुस्ती पर CDO ने अफसरों को लगाई कसकर फटकार 

IAS Himanshu Nagpal
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वाराणसी। मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल (IAS Himanshu Nagpal) की अध्यक्षता में आज प्रातः 11:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डिजिटल क्रॉप सर्वे (जायद), फार्मर रजिस्ट्री, और पीएम किसान संतृप्तिकरण अभियान की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्य राजस्व अधिकारी, उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, खंड विकास अधिकारी, कृषि विभाग के अधिकारी, और अन्य संबंधित विभागों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

पीएम किसान योजना में लापरवाही पर फटकार
मुख्य विकास अधिकारी ने पीएम किसान योजना के तहत संतृप्तिकरण अभियान की धीमी गति पर कड़ा रुख अपनाया। जनपद में 15 मई तक 583 ग्रामों में कैंप आयोजित किए गए, लेकिन भूमि अंकन के लिए 39,731 के लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 1,679, eKYC के लिए 16,072 के लक्ष्य के सापेक्ष 4,238, और NPCI के लिए 17,426 के लक्ष्य के सापेक्ष केवल 6,906 कृषकों का कार्य पूरा हुआ। इस सुस्त प्रगति पर नाराजगी जताते हुए, उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों को लेखपालवार लक्ष्य निर्धारित करने और लंबित कार्यों के लिए जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए। साथ ही, खंड विकास अधिकारियों को सहायक विकास अधिकारियों की समीक्षा कर लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव भेजने को कहा।

डिजिटल क्रॉप सर्वे में तेजी लाने का आदेश
जायद फसलों के डिजिटल क्रॉप सर्वे में भी प्रगति संतोषजनक नहीं पाई गई। मुख्य विकास अधिकारी ने सभी तहसीलदारों को निर्देश दिए कि लेखपालों और कृषि विभाग के कर्मचारियों को समय पर गांव आवंटित किए जाएं और सर्वे पूर्ण होने वाले प्लॉट्स को तुरंत वेरिफायर से अनुमोदित कराया जाए।

फार्मर रजिस्ट्री पर विशेष जोर
फार्मर रजिस्ट्री के कार्य में भी देरी पर नाराजगी जताई गई, विशेष रूप से तहसील राजातालाब और सदर में खराब प्रगति पर संबंधित उप जिलाधिकारियों को फटकार लगाई गई। उन्हें व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदारी लेते हुए एक सप्ताह में 50% लक्ष्य पूरा करने और लेखपाल स्तर पर लंबित सत्यापन को तत्काल पूरा करने का निर्देश दिया गया। कैंप मोड और जन सेवा केंद्रों के माध्यम से शेष कृषकों की रजिस्ट्री तुरंत कराने पर जोर दिया गया।

क्या है उम्मीद?
मुख्य विकास अधिकारी के कड़े निर्देशों के बाद अब सभी संबंधित विभागों पर तेजी से कार्य पूरा करने का दबाव है। यह देखना रोचक होगा कि क्या अगले एक सप्ताह में जिले में निर्धारित लक्ष्यों को हासिल किया जा सकेगा, या लापरवाही का सिलसिला जारी रहेगा। किसानों के हित में इन योजनाओं को समयबद्ध तरीके से लागू करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।

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