वाराणसी : कामाख्या देवी धाम में अंबूवाची महोत्सव, तीन दिन बाद खुला पट,1100 कमल फूलों से मां का भव्य श्रृंगार
वाराणसी। असम के गुवाहाटी स्थित कामरूप कामाख्य़ा देवी शक्तिपीठ का काशी में प्रतिरूप माने जाने वाले कामाख्या देवी मंदिर में अंबूवाची महोत्सव मनाया जा रहा है। महोत्सव के अंतिम दिन भक्तों के लिए मंदिर का पट खोल दिया गया। मां का 1100 कमल पुष्पों से भव्य श्रृंगार किया गया। वहीं सवा किलो कपूर से आरती की गई।
देश में मां कामाख्या के मंदिर का प्रतिरूप एकमात्र काशी में है। मंदिर में ज्येष्ठ पूर्णिमा से शुरू हुए चार दिवसीय अंबूवाची महोत्सव के अंतिम दिन सुबह से ही कमच्छा स्थित मां के मंदिर में दर्शन-पूजन का सिलसिला शुरू हो गया। मंदिर के महंत स्वामी देवेंद्रपुरी महाराज के आचार्यत्व में रात 10 बजे आठ वैदिक ब्राह्मणों ने चारों वेदों के मंत्रों से मां की पूजा व श्रृंगार किया। वहीं 12 तरह की औषधियों से श्री महामुद्रा यंत्र की शुद्धीकरण के बाद पंचामृत स्नान कराया गया।
मां के विग्रह का 1100 कमल फूलों के अलावा बेल, गुड़हल, रजनीगंधा आदि सुगंधित फूलों से मोहक श्रृंगार किया। पंचमेवा, हलवा, मिष्ठान व श्रृतुफलों का भोग लगा। इस दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। महंत ने बताया कि मंदिर का पट बंद होने से पूर्व श्री महामुद्रा यंत्र पर 6 मीटर लंबा वस्त्र चढ़ाया गया था। 30 जून को यह प्रसाद के रूप में भक्तों में वितरित किया जाएगा।
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