वाराणसी में भेड़िए का हमला: आधा दर्जन मवेशी समेत 3 घायल, वन अधिकारी बोले – ये किसी अन्य जंगली जानवर का पंजा

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वाराणसी। मिर्जामुराद क्षेत्र के बंशीपुर (राजपुर) गांव में सोमवार की देर शाम एक भेड़िए ने कैलाश यादव के घर के पास खूंटे से बंधी भैंस पर हमला कर दिया। भैंस के चिल्लाने की आवाज सुनकर पशुपालक नितेश यादव (22 वर्ष) ने लाठी उठाकर भेड़िए की ओर दौड़ लगाई। लेकिन भेड़िया भैंस को छोड़कर नितेश पर टूट पड़ा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। नितेश की चीख सुनकर उसकी बड़ी मां, राजमनी यादव (50 वर्ष), भेड़िए की ओर दौड़ीं, लेकिन भेड़िया उन पर भी हमला करने के लिए दौड़ा, जिससे वह सड़क पर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गईं। इस दौरान, भेड़िए के हमले से दरवाजे पर बंधी दो भैंसें, एक पड़िया और एक बकरी भी घायल हो गईं।

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यह देख परिवार के कई सदस्य लाठी-डंडे लेकर भेड़िए की ओर भागे। ग्रामीणों के भारी संख्या में जुटने से भेड़िया धान के खेत की ओर भाग निकला। घटना की सूचना मिलते ही पीआरबी 112 को और खजूरी चौकी इंचार्ज पवन कुमार यादव को जानकारी दी गई। गांव में इस हमले की खबर तेजी से फैल गई, जिसके बाद सैकड़ों ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर भेड़िए की तलाश में निकल पड़े। मिर्जामुराद पुलिस भी दर्जनों की संख्या में पहुंची और रात भर ग्रामीणों के साथ मिलकर भेड़िए की तलाश करती रही। घटनास्थल से 100 मीटर की दूरी पर धान के खेत में तीन भेड़िए नजर आए, लेकिन टॉर्च की रोशनी पड़ते ही वे सिवान की ओर भाग गए। हमले के बाद गांव में दहशत का माहौल है और लोग रात भर सुरक्षा के लिए लाठी-डंडा और टॉर्च लेकर जागते रहे।

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खजूरी चौकी इंचार्ज पवन कुमार यादव ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर वे मय फोर्स सहित पहुंचे और सैकड़ों ग्रामीणों के साथ मिलकर रात भर जागरण किया। इस घटना की सूचना वन विभाग को दे दी गई है।

दूसरी ओर, 2 दिन पहले भिखिपुर गांव के निवासी दयाराम (60 वर्ष) रविवार की तड़के सिवान में शौच के लिए गए थे, जब उन पर भी एक भेड़िए ने हमला कर घायल कर दिया। वहीं, बिमौरी गांव के निवासी अनिल पटेल (24 वर्ष) जब अपनी बाइक से मिर्जामुराद से गांव की ओर जा रहे थे, तब प्रतापपुर के पास एक भेड़िए ने उन पर भी हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को ग्रामीणों की मदद से एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

बंशीपुर ग्राम प्रधान अभिमन्यु की सूचना पर पहुंचे उपक्षेत्रीय वन अधिकारी राजकुमार गौतम ने अपने सहयोगी वन दरोगा संतोष कुमार और वनरक्षक संजय कुमार के साथ गांव का मुआयना किया। निरीक्षण के दौरान पंजे के निशान से उन्होंने बताया कि यह किसी भेड़िए का नहीं, बल्कि किसी अन्य जंगली जानवर का पंजा है, क्योंकि इस क्षेत्र में भेड़िए नहीं पाए जाते हैं।
 

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