UP Budget 2025-26: वाराणसी में 400 करोड़ से बनेगा मेडिकल कॉलेज, विंध्य एक्सप्रेसवे को योगी सरकार की मंजूरी, पूर्वांचल को मिलेगा बड़ा तोहफा
योगी सरकार ने वाराणसी में चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाने के लिए 400 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है। इस राशि से राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाएगी। इससे युवाओं को होम्योपैथिक चिकित्सा क्षेत्र में नए अवसर मिलेंगे। उल्लेखनीय है कि वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय को हाल ही में एम्स का दर्जा मिला है। इसके अलावा, वाराणसी में पहले से ही एक राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज मौजूद है। नए आयुर्वेदिक कॉलेज खुल जाने से पूर्वांचल के लोगों को काफी फायदा होगा।
योगी सरकार ने वाराणसी और प्रयागराज के बीच धार्मिक जोन विकसित करने की योजना बनाई है। इस धार्मिक क्षेत्र में प्रयागराज, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही, चंदौली, गाजीपुर और जौनपुर को शामिल किया गया है। नीति आयोग इस जोन में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना और पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय प्रशासन की मदद से योजना तैयार कर रहा है।
वाराणसी-विंध्याचल आर्थिक क्षेत्र को होगा फायदा
विंध्य एक्सप्रेसवे से वाराणसी-विंध्याचल इकोनॉमिक रीजन को सीधा लाभ मिलेगा। प्रयागराज से वाराणसी के बीच धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलने से इस क्षेत्र में आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
प्रयागराज से सोनभद्र तक 320 किलोमीटर लंबे विंध्य एक्सप्रेसवे के निर्माण को योगी सरकार ने मंजूरी दे दी है। इस परियोजना की कुल लागत 22,400 करोड़ रुपये होगी और इसके लिए पहली किश्त के रूप में 50 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।

विंध्य एक्सप्रेसवे: पांच जिलों से जुड़ेगा, छत्तीसगढ़ और झारखंड तक पहुंचेगा
विंध्य एक्सप्रेसवे राज्य के बुनियादी ढांचे में एक बड़ी कड़ी साबित होगा। यह प्रयागराज से शुरू होकर मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र तक जाएगा। इस परियोजना को उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे की मदद से उत्तर प्रदेश को छत्तीसगढ़ और झारखंड से बेहतर सड़क संपर्क मिलेगा, जिससे व्यापार, उद्योग और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
विंध्य पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे भी होगा तैयार
विंध्य एक्सप्रेसवे के साथ ही एक और लिंक एक्सप्रेसवे बनाने की योजना है, जिसे विंध्य पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे नाम दिया गया है। यह 100 किलोमीटर लंबा और छह लेन का एक्सप्रेसवे होगा, जिसकी अनुमानित लागत 7,000 करोड़ रुपये होगी। यह लिंक एक्सप्रेसवे चंदौली से शुरू होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के गाजीपुर सेक्शन से जुड़ेगा, जिससे बुंदेलखंड और पूर्वांचल के बीच सीधा संपर्क स्थापित होगा।
नीति आयोग की सिफारिश पर मेगा इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना की जाएगी, जिससे स्थानीय व्यापारियों और निवेशकों को नए अवसर मिलेंगे। इसके अलावा, इस क्षेत्र में मौजूद धार्मिक स्थलों को भी विकसित किया जाएगा। आयोग ने सुझाव दिया है कि श्रद्धालु जब इस क्षेत्र में आएं, तो वे सभी जिलों का भ्रमण करें, जिससे पूर्वांचल की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।
विंध्य एक्सप्रेसवे के प्रमुख लाभ
1. उत्तर प्रदेश की सड़क कनेक्टिविटी होगी बेहतर – यह एक्सप्रेसवे मध्य प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ को उत्तर प्रदेश से जोड़ने में मदद करेगा।
2. यात्रा का समय होगा कम – सफर में 3 से 5 घंटे की बचत होगी, जिससे लोगों को तेज और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा।
3. व्यापार और उद्योग को मिलेगा बढ़ावा – पूर्वांचल में व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी और नए औद्योगिक अवसर पैदा होंगे।
4. बुंदेलखंड और पूर्वांचल का सीधा संपर्क होगा – इससे दोनों क्षेत्रों के बीच आवागमन आसान होगा।
5. पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा – धार्मिक स्थलों के विकास से इस क्षेत्र में पर्यटन को और अधिक गति मिलेगी।
एक्सप्रेसवे निर्माण जुलाई से होगा शुरू
योगी सरकार ने घोषणा किया है कि विंध्य एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य जुलाई 2025 से शुरू कर दिया जाएगा। सरकार ने इस परियोजना को प्राथमिकता दी है, ताकि जल्द से जल्द इस पर काम पूरा किया जा सके।

