IIT-BHU के 13वें दीक्षांत समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान बोले – युवा नौकरी मांगने वाले नहीं, रोजगार सृजनकर्ता बनें

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वाराणसी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी-बीएचयू) का 13वां दीक्षांत समारोह सोमवार को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस समारोह में 1959 विद्यार्थियों को विभिन्न शैक्षिक उपाधियाँ प्रदान की गईं, जिनमें 1060 बीटेक, 319 आईडीडी (इंटीग्रेटेड ड्यूल डिग्री), 263 एमटेक/एमफार्मा, 49 एमएससी और 253 पीएचडी छात्रों ने भाग लिया। 

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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने छात्रों को उनके उत्कृष्ट शैक्षिक प्रयासों के लिए सम्मानित करते हुए कहा कि देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि युवा केवल नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि रोजगार के सृजनकर्ता बनें। उन्होंने विद्यार्थियों से वचन लिया कि वे अपनी प्रतिभा और ज्ञान का उपयोग देश को आगे बढ़ाने के लिए करेंगे। 

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प्रधान ने ‘अमृत काल’ की ओर बढ़ते भारत का दृष्टिकोण साझा करते हुए बताया कि अगले 25 वर्षों में भारत विश्व का सबसे युवा और अग्रणी राष्ट्र बन सकता है। आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और भविष्य में इसे शीर्ष पर पहुँचने का लक्ष्य है। भारत की अर्थव्यवस्था वर्तमान में 3 ट्रिलियन डॉलर की है और इसे 5 से 8 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचाना एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है। उन्होंने सवाल उठाया कि इस लक्ष्य को पाने के लिए अगर युवा नौकरी मांगेंगे, तो रोजगार का सृजन कौन करेगा।

आर्थिक और तकनीकी विकास में भारत की सफलता 

शिक्षा मंत्री ने भारत के आर्थिक और तकनीकी विकास पर जोर देते हुए बताया कि लगभग पचास साल पहले देश में खाद्यान्न की कमी थी और भारत को गेहूँ का आयात करना पड़ता था। आज भारत न केवल अपने 60 प्रतिशत नागरिकों को मुफ्त खाद्य सामग्री उपलब्ध कराता है, बल्कि कई देशों को भी खाद्य सामग्री निर्यात करता है। यह उपलब्धि पिछले कुछ दशकों में भारत की कृषि और आर्थिक प्रगति को दर्शाती है।

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उन्होंने डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में भारत की अद्वितीय सफलता का भी उल्लेख किया। प्रधान ने बताया कि एक वर्ष पहले उन्होंने वाराणसी में चाची की कचौड़ी, अमरूद और पान का स्वाद लिया और हर जगह डिजिटल भुगतान किया। उन्होंने इस उदाहरण से बताया कि भारत ने अमेरिका, चीन और यूरोप की तुलना में अधिक डिजिटल लेन-देन कर एक नई मिसाल कायम की है। 

स्वास्थ्य और महामारी प्रबंधन में भारत की सफलता

धर्मेंद्र प्रधान ने टीबी, मलेरिया और पोलियो जैसे रोगों पर नियंत्रण में भारत की दशकों की मेहनत का भी जिक्र किया। उन्होंने कोविड महामारी में 225 करोड़ वैक्सीन डोज का रिकॉर्ड स्थापित करने और 100 से अधिक देशों को वैक्सीन पहुंचाने की उपलब्धि को ‘नए भारत’ की ताकत के रूप में प्रस्तुत किया।

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नवीकरणीय और स्थायी ऊर्जा में भारत की भूमिका

प्रधान ने नवीकरणीय, स्थायी और नई ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत में तकनीकी और वैज्ञानिक अनुसंधान के जरिए ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की कोशिश हो रही है। आईआईटी जैसे संस्थान इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं और आईआईटी-बीएचयू जैसे संस्थान वैश्विक ब्रांड बन चुके हैं।

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सेंटनरी रिसर्च पार्क का शिलान्यास

दीक्षांत समारोह के अवसर पर प्रधान ने आईआईटी-बीएचयू में सेंटनरी रिसर्च पार्क का शिलान्यास करने की घोषणा की। देशभर में 50 अनुसंधान पार्क स्थापित करने की योजना के अंतर्गत यह पार्क नई खोज और नवाचार को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधान ने छात्रों से अपील की कि वे इस अनुसंधान पार्क के माध्यम से नवीकरणीय और स्थायी ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में नए आयाम स्थापित करें।

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