वाराणसी में दो बार विधायक रहे पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह को सपा ने चंदौली सीट से बनाया प्रत्याशी, जानिए अखिलेश का PDA कैसे करेगा NDA का मुकाबला
समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री व पूर्व विधायक रहे वीरेंद्र सिंह को चंदौली लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। वीरेंद्र मूलत: वाराणसी के चिरईगांव के रहने वाले हैं। इससे पूर्व वीरेंद्र सिंह, कांग्रेस, बसपा व सपा में बतौर कार्यकर्ता कार्य कर चुके हैं। वीरेंद्र सिंह तत्कालीन विधानसभा चिरईगांव से दो बार विधायक चुने गए थे। उनका गृह क्षेत्र भी चंदौली लोकसभा क्षेत्र से आता है।
बता दें कि चंदौली लोकसभा में कुल पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इसमें जिले के सैयदराजा, मुगलसराय और सकलडीहा शामिल हैं। जबकि इसके अलावा वाराणसी जिले के शिवपुर और अजगर विधानसभा क्षेत्र भी चंदौली के हिस्से हैं।
दो बार से बीजेपी के पाले में रही है चंदौली लोकसभा सीट
बात इससे पहले के लोकसभा चुनाव की करें, तो इस सीट पर 2014 और 2019 में भारतीय जनता पार्टी से महेंद्र नाथ पाण्डेय ने अपनी साख जमाई थी। महेंद्र नाथ पाण्डेय वर्तमान में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री के पद पर काबिज हैं। वर्ष 2019 के चुनाव में सपा प्रत्याशी संजय चौहान ने भाजपा प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दी थी। हालांकि इस चुनाव में महेंद्र नाथ पाण्डेय जीते तो ज़रूर, लेकिन मात्र 12 हजार वोटों के अंतर से।
ब्राहमण बनाम क्षत्रिय की लड़ाई
ऐसे में लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव में इस बार भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए सपा ने बहुत बड़ा गेम खेलते हुए क्षत्रिय उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। ऐसे में यह भी संभावना जताई जा रही है कि इस बार के चुनाव में चंदौली लोकसभा में ब्राहमण बनाम राजपूत की लड़ाई दिख सकती है।
सपा कार्यकर्ताओं में निराशा
दूसरी ओर, वीरेंद्र सिंह को चंदौली लोकसभा का टिकट मिलने से सपा का एक खेमा निराश हुआ है। समाजवादी पार्टी में जुझारू कार्यकर्ताओं की एक लंबी लिस्ट है। जो कि स्वयं को टिकट मिलने की कयास लगाए हुए थे। वहीं पार्टी के पुरनिए भी अखिलेश यादव द्वारा दिए नारे PDA को भी भुनाने में लगे हुए थे। लेकिन इस बीच वीरेंद्र सिंह को टिकट मिल जाने से सपा कार्यकर्ताओं में निराशा देखने को मिल रही है।
सूत्रों के मुताबिक, चंदौली की लोकसभा सीट पर उम्मीदवार के रूप में वाराणसी के भी कई दिग्गज नेता देख रहे थे। नेताओं द्वारा कयास लगाए जा रहे थे कि वाराणसी में जिस तरह से राहुल गांधी की न्याय यात्रा में इंडिया गठबंधन नेता नजर आए, उसके बाद सभी कार्यकर्ता गठबंधन द्वारा जारी लिस्ट का इन्तेजार कर रहे थे, लेकिन इसी बीच सपा द्वारा जारी लिस्ट ने पार्टी के ही कार्यकर्ताओं में निराशा की भावना जगाने का काम किया है।
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।