वाहनों का फर्जी रजिस्ट्रेशन व ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना समेत दो गिरफ्तार

एसटीएफ की वाराणसी इकाई ने चंदौली में की कार्रवाई
वाराणसी। यूपी एसटीएफ को वाहनों का फर्जी रजिस्ट्रेशन पेपर व ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने इनके पास से फर्जी ढंग से तैयार किये गये वाहन रजिस्ट्रेशन पेपर, ड्राइविंग लाइसेंस बरामद किये है। इनमें सरगना प्रमोद कुमार चौधरी उर्फ चिन्टू और दूसरा इबरार अली कैमूर भभुआ (बिहार) के दुर्गावती थाना क्षेत्र के खजुरा गांव का निवासी है।
एसटीएफ को कुछ दिनों से फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस व वाहनों का रजिस्ट्रेशन पेपर बनाने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचनाएं मिल रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों की टीमों को अभिसूचना संकलन व कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया था। इसके बाद एसटीएफ की वाराणसी इकाई के निरीक्षक अमित श्रीवास्तव के नेतृत्व में टीम गठित की गई। टीम को शनिवार को मुखबिर की सूचना पर चंदौली में मौजूद थी। तभी पता चला कि फर्जी डीएल व आरसी पेपर बनाने वाले गैंग के सदस्य सैयदराजा थाना क्षेत्र के फुटिया नौबतपुर में मौजूद हैं। इस पर एसटीएफ टीम मौके पर पहुंची और गिरोह के दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों से पूछताछ में पता चला कि प्रमोद कुमार चौधरी उर्फ चिन्टू गैंग का सरगना है। इसका एक अन्तर्राज्यीय गैंग है। यह गिरोह उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाण आदि राज्यों में सक्रिय है। प्रमोद कुमार चौधरी अपने गैंग के अश्वनी यादव उर्फ मन्टू उर्फ मिठ्ठू निवासी यादव बस्ती नौबतपुर थाना सैयदराजा जनपद चन्दौली और जावेद अली खजुरा थाना दुर्गावती जनपद कैमूर भभुआ (बिहार) के साथ फर्जी डीएल व आरसी बनाने के मुकदमें में गुजरात के जनपद पाटन में जेल जा चुका है। यह सभी कुछ समय पूर्व ही जेल से जमानत पर छूट कर आये थे।
जेल से छूटकर आने के बाद प्रमोद कुमार चौधरी उर्फ चिन्टू अपने फुटिया नौबतपुर स्थित घर पर ही फर्जी डीएल व आरसी बनाने हेतु कम्प्यूटर, कलर प्रिन्टर व मशीन आदि लगा रखा था। वह अपने साथियों के साथ मिलकर इसमें सक्रिय था। हरियाणा, पंजाब, यूपी, एमपी, राजस्थान, बिहार आदि राज्यों में वाहनों के रजिस्ट्रेशन व ड्राइविंग लाइसेंस बनाने हेतु जिस पेपर व स्मार्ट कार्ड का प्रयोग किया जाता है उससे मिलता-जुलता सादा फार्म, पेपर, स्मार्ट कार्ड तैयार कर लिया जाता है। इसके बाद दो से तीन हजार रूपये लेकर फर्जी रजिस्ट्रेशन पेपर व ड्राइविंग लाइसेंस बना दिया जाता है। शनिवार को जिस समय वह पकड़े गये उस दौरान यह फर्जी आरसी व डीएल तैयार कर रहे थे।
एसटीएफ ने आरोपितों को धोखाधड़ी, अमानत में खयानत समेत विभिन्न धाराओं के तहत सैयदराजा थाने में दाखिल किया। टीम ने इनके पास से दो लैपटॉप, दो कलर प्रिन्टर, पांच कार्ड बनानेवाली मशीन, दो की बोर्ड, 32 फर्जी स्मार्ट डीएल व आरसी, छह अर्धनिर्मित स्मार्ट डीएल व आरसी, 72 डीएल बनाने का स्मार्ट सादा कार्ड, दो फर्जी रजिस्ट्रेशन पेपर, 405 सादा पेपर, दो मोबाइल फोन व दो हजार सौ रूपये बरामद हुए हैं।
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