तिरुपति लड्डू प्रसाद में चर्बी का खुलासा, काशी में भक्त कर रहे प्रायश्चित अनुष्ठान, पुरोहित करा रहे नि:शुल्क शुद्धिकरण

Varanasi
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वाराणसी। आंध्र प्रदेश के तिरुमाला तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाने की खबर से हड़कंप मच गया है। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पूर्व सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया, जिसे लेकर अब जांच शुरू हो चुकी है। इस मामले में भक्तों के बीच प्रायश्चित की प्रक्रिया भी देखने को मिल रही है।

आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम खुद प्रायश्चित के लिए व्रत और अनुष्ठान कर रहे हैं। काशी में भी कई भक्त पंचगव्य के जरिए अपने पापों का प्रायश्चित कर रहे हैं, जो तिरुमला में दर्शन के बाद लड्डू प्रसाद लेकर आए थे। काशी में अब विशेष अनुष्ठान शुरू हो गए हैं।

तिरुपति मंदिर के प्रसाद में चर्बी मिलाने का खुलासा होने के बाद भक्तों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। सनातन धर्म के अनुयायी मांसाहार से दूरी बनाए रखते हैं, लेकिन इस घटना ने उन्हें झकझोर दिया है। तिरुपति में दर्शन करने वाले भक्त अब खुद को पाप का भागीदार मानते हुए प्रायश्चित कर रहे हैं और काशी में विशेष अनुष्ठानों का सहारा ले रहे हैं।

वाराणसी के जोशी परिवार, जो जुलाई में तिरुपति दर्शन के लिए गया था और लड्डू प्रसाद लेकर लौटा था, अब अपने परिवार के साथ पंचगव्य से शुद्धिकरण करवा रहा है। उनके साथ अन्य भक्त भी, जिन्होंने प्रसाद ग्रहण किया था, इस प्रायश्चित प्रक्रिया में हिस्सा ले रहे हैं।

काशी के राज राजेश्वरी मंदिर में पुरोहित पंचगव्य, जिसमें गाय का गोबर, गोमूत्र, दूध, दही और घी शामिल हैं, से शुद्धिकरण अनुष्ठान कर रहे हैं। भक्त इस पंचामृत को ग्रहण कर रहे हैं ताकि वे तिरुपति में चर्बी युक्त प्रसाद ग्रहण करने से हुए पाप से मुक्त हो सकें। 

काशी के पुरोहितों का कहना है कि अनजानी गलती के लिए ईश्वर क्षमा कर देते हैं। ऐसे में आत्मग्लानि से बेहतर है कि प्रायश्चित और शुद्धिकरण के जरिए भगवान से माफी मांगी जाए। यही कारण है कि काशी के पुरोहित तिरुपति प्रसाद ग्रहण करने वाले भक्तों को इस पाप से मुक्त कराने के लिए निशुल्क अनुष्ठान करवा रहे हैं।
 

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