मणिकर्णिका घाट पर लकड़ी विक्रेता अब नहीं वसूल सकेंगे मनमानी कीमत, लगाना होगा रेट बोर्ड
वाराणसी। मोक्ष की नगरी काशी के प्रमुख तीर्थ मणिकर्णिका घाट पर फैली अव्यवस्था और गंदगी को लेकर नगर निगम ने सख्त रुख अपनाया है। महापौर अशोक कुमार तिवारी और नगर आयुक्त हिमांशु नागपाल के निर्देश पर शनिवार को घाट पर सघन अभियान चलाया गया। लकड़ियों की मनमानी बिक्री, अतिक्रमण और अव्यवस्थित स्टॉक पर रोक लगाने के लिए कई अहम फैसले लिए गए।

सहायक नगर आयुक्त अनिल यादव के नेतृत्व में पहुंची नगर निगम की टीम ने घाट की सीढ़ियों और रास्तों पर बेतरतीब तरीके से रखे गए लकड़ी के ढेर हटवाए। निगम प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश दिए कि अब कोई भी दुकानदार मणिकर्णिका घाट पर तीन दिन से अधिक का लकड़ी स्टॉक नहीं रख सकेगा। इसके साथ ही सभी दुकानों पर रेट बोर्ड लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। बोर्ड पर दुकानदार का नाम, मोबाइल नंबर और लकड़ी की दरें स्पष्ट रूप से लिखी होंगी, ताकि अंतिम संस्कार के लिए आने वाले लोगों से किसी भी प्रकार की ठगी न हो सके।

नगर निगम ने घाट को अतिक्रमण मुक्त करने के साथ श्रद्धालुओं और आमजन की सुविधा पर भी ध्यान दिया है। पुलिस प्रशासन के सहयोग से रामलीला कमेटी के पास जमा मलबे को साफ कराया गया। निगम की योजना इस खाली स्थान को दोपहिया वाहनों के पार्किंग स्टैंड के रूप में विकसित करने की है, जिससे घाट क्षेत्र में जाम की समस्या से राहत मिलेगी और आवागमन सुगम होगा।

