इस बार फिर बनारस ही होगा सरगर्मी का केंद्र, कांग्रेस को बचानी है अपनी साख तो भाजपा को कायम रखना है वर्चस्व, जानिए इस सीट का इतिहास
वाराणसी लोकसभा सीट का इतिहास दिलचस्प है। 1952 से लेकर 2019 तक हुए लोकसभा चुनावों में यहां से कांग्रेस ने सर्वाधिक सात बार जीत हासिल की है। जबकि सात बार भाजपा ने भी अपना परचम लहराया है। पिछली बार की तरह अबकी भी नरेंद्र मोदी भाजपा के उम्मीदवार है। ऐसे में भाजपा, कांग्रेस के सात बार के जीत के रिकार्ड को तोड़ने को बेताब नजर आ रही है।
वाराणसी लोकसभा सीट के इतिहास पर नजर डाले तो 1952 से 1962 तक लगातार तीन लोकसभा चुनावों में यहां से कांग्रेस प्रत्याशी ने हैट्रिक के साथ जीत हासिल की। जबकि 1967 के चुनाव में भाकपा ने पहली बार अपना नाम यहां से दर्ज कराया। हालांकि इसके बाद भाकपा को अभी तक इस सीट पर सफलता नहीं मिली। 1971 में एक बार फिर कांग्रेस को यहां से विजय हासिल हुई, लेकिन 1977 में जनता लहर के दौरान ऐतिहासिक सिटी बनारस पर युवा तुर्क कहे जाने वाले चंद्रशेखर ने परचम लहराया।
1980 में एक बार फिर कांग्रेस लौटी और वरिष्ठ नेता कमलापति त्रिपाठी वाराणसी सीट से जीतकर संसद में पहुंचे। कमलापति त्रिपाठी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इसके बाद 1984 और 2004 में ही कांग्रेस यहां से जीत सकी।
1989 में जनता दल से अनिल कुमार शास्त्री जीते। शेष पांच चुनावों में हैट्रिक के साथ भाजपा का ही परचम फहराया है। इसमें एक बार शिरीष चंद्र दीक्षित, तीन बार शंकर प्रसाद जायसवाल और 2009 के पिछले चुनाव में डॉ। मुरली मनोहर जोशी वाराणसी सीट से सांसद रहे हैं। 2014 और 2019 के आम चुनाव में भाजपा लहर में नरेंद्र मोदी ने इस सीट पर रिकार्ड तोड़ मतों से लगातार दो बार जीत हासिल की और दोनों ही बार देश के प्रधानमंत्री भी बने। अब लगातार तीसरी बार नरेंद्र मोदी इस सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। पिछले ही दिनों भाजपा की तरफ से जारी प्रत्याशियों की सूची में उनके नाम की घोषणा की गयी। भाजपा के नरेंद्र मोदी के सामने इंडी गठबंधन वाले कांग्रेस से प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ताल ठोक रहे हैं।
पढ़िए पूर्वांचल की इस मजबूत सीट का इतिहास
वर्ष सांसद पार्टी
1952 रघुनाथसिंह कांग्रेस
1957 रघुनाथसिंह कांग्रेस
1962 रघुनाथसिंह कांग्रेस
1967 सत्यनारायण सिंह भाकपा
1971 राजाराम शास्त्री कांग्रेस
1977 चंद्रशेखर जनता पार्टी
1980 कमलापति त्रिपाठी कांग्रेस (इंदिरा)
1984 श्यामलाल यादव कांग्रेस
1989 अनिल कुमार शास्त्री जनता दल
1991 शिरीषचंद्र दीक्षित भाजपा
1996 शंकर प्रसाद जायसवाल भाजपा
1998 शंकर प्रसाद जायसवाल भाजपा
1999 शंकर प्रसाद जायसवाल भाजपा
2004 डॉ० राजेश कुमार मिश्रा कांग्रेस
2009 डॉ० मुरली मनोहर जोशी भाजपा
2014 नरेंद्र मोदी भाजपा
2019 नरेंद्र मोदी भाजपा
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