चौबेपुर में सड़क दुर्घटना में घायल तीसरे समाचार पत्र विक्रेता की भी मौत, घर में पसरा मातम
जानकारी के मुताबिक, विगत छ: दिनों से प्रमोद कुमार जिंदगी और मौत से जूझ रहा था। शुक्रवार को उसकी मौत के बाद पूरे गांव में जैसे मातम सा छा गया। जिस किसी को भी इस घटना की जानकारी मिली, तो प्रमोद के घर ढांढस बंधाने पहुंच जा रहा था। प्रमोद की मौत के बाद उसके घर में चीख पुकार मची है।
प्रमोद कुमार की शादी 7 साल पहले हिना देवी हुई थी। उसके दो बच्चे आरुष और आरव क्रमश: 5 वर्ष और 3 वर्ष के हैं। घटना के बाद पत्नी हिना देवी, उसकी बहन और माता कमला देवी का रो रोकर बुरा हाल है। रोते बिलखते वह बोल रही थी कि अब मेरा सहारा कौन है? अब कौन घर का खर्च चलाएगा? कौन हमारे बच्चों को देखेगा? किसी तरह परिवार वालों और पड़ोसियों ने उन सभी को संभाला।
प्रमोद कुमार अपने परिवार में छ: भाई और चार बहनों में तीसरे नम्बर पर था। वह अपने घर में इकलौता कमाऊ सदस्य था। उसके पिता दशरथ की पहले ही मौत हो चुकी है। शुक्रवार देर शाम को प्रमोद कुमार का अंतिम संस्कार ढकवा स्थित गंगा घाट के किनारे कर दिया गया।
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