मछुआ समाज के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है प्रदेश सरकार, कैबिनेट मंत्री डा. संजय निषाद ने गिनाई योजनाएं

वाराणसी। प्रदेश सरकार के मत्स्य मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार निषाद गुरुवार को वाराणसी पहुंचे। उन्होंने नागरी नाटक मंडली, कबीरचौरा में आयोजित "मत्स्य पालक मेला एवं जातीय जनगणना विषयक गोष्ठी" में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस दौरान मत्स्य पालन से जुड़ी विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी और मछुआ समाज के उत्थान के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।
मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) और मुख्यमंत्री मत्स्य योजना (MMSY) के माध्यम से लाभार्थियों को 60% तक की सब्सिडी, आइस बॉक्स, फिश वैन, तालाब निर्माण, और कोल्ड स्टोरेज जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि SC/ST एवं महिला लाभार्थियों को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। इसके अतिरिक्त, ₹5 लाख तक का दुर्घटना बीमा, मछुआरों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के तहत ऋण सुविधा और डिजिटल पंजीकरण एवं ट्रैकिंग प्रणाली की भी जानकारी दी गई।
जातीय जनगणना के मुद्दे पर बोलते हुए डॉ. निषाद ने कहा कि मछुआ समाज की उपजातियों जैसे मझवार, बिंद, तुरैहा, निषाद, केवट, धीवर, कश्यप आदि को अनुसूचित जाति (SC) में शामिल किया जाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने 1961 की जनगणना रिपोर्ट, 2016 की अधिसूचना और उत्तराखंड मॉडल का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग की। उन्होंने जातीय जनगणना को सामाजिक न्याय का आधार बताते हुए कहा कि इससे समाज की सही पहचान और योजनाओं में भागीदारी सुनिश्चित हो सकेगी।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 को लेकर मंत्री ने घोषणा की कि निषाद पार्टी निषाद बाहुल्य क्षेत्रों में अपने दम पर जिला पंचायत सदस्य और बीडीसी पदों के लिए चुनाव लड़ेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव परिणामों के बाद अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख पदों पर गठबंधन सहयोगी भाजपा को समर्थन दिया जाएगा। मंत्री ने कहा, “हम गठबंधन में हैं, लेकिन कार्यकर्ताओं के सम्मान और स्वाभिमान से समझौता नहीं करेंगे।”
अंत में मंत्री ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन कर प्रदेश की समृद्धि और समाज के कल्याण की कामना की। उन्होंने कहा कि यह दौरा प्रशासनिक के साथ-साथ मछुआ समाज के हक की पुनर्प्राप्ति की दिशा में एक मजबूत कदम है।