पश्चिम में रची गयी थी कोडिनयुक्त सिरप की कालाबाजारी की पटकथा

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- देश के अन्य राज्यों और विदेशों में सप्लाई करने के लिए रचा गया था कुचक्र 

- विदेशों और देश के कुछ राज्यों में नशे के रूप में प्रयोग करने के लिए कोडियनयुक्त सिरप का किया जाता है प्रयोग 

- यूपी पुलिस और एफएसडीए की टीम जांच अवैध सप्लाई करने वाले बड़े कारोबारी तक पहुंची

- जांच में सामने आया, सिरप का अवैध डायवर्जन करने वाले बड़े कारोबारी ने जांच को भ्रमित करने के लिए चलाए थे कई प्रोपोगंडा 

- पिछली सरकार से हैं नजदीकी संबंध, मीडिया में जांच टीम की छवि धूमल करने के लिए चलाई थी पेड न्यूज 

- मीडिया संस्थानों में भ्रामक खबरे फैलाने के लिए कई यूट्यूबर्स को दी थी भारी भरकम रकम 

- पश्चिम से है गहरा नाता, यहां के लोगों को सरकार के प्रति भड़काने के लिए भी की थी फंडिंग

- कारोबारी ने पहले अवैध रूप से देश के विभिन्न राज्यों में फैलाया कोडिनयुक्त सिरप का धंधा  

- अपना सम्राज्य बढ़ाने के लिए मुस्लिम देशों की ओर किया रूख, खाड़ी देशों में कोडिनयुक्त सिरप की है डिमांड 

लखनऊ। कोडिनयुक्त सिरप की अवैध कालाबाजारी (तस्करी) की पटकथा पश्चिम के जिलों में लिखी गयी थी। इस पटकथा को अमलीजामा पहनाने और धरातल पर उतारने के लिए बाकायदा रूट और मास्टर प्लान तैयार किया गया। मामले में सबसे अहम और बड़ा रोल पश्चिम के एक कारोबारी का है, जिसने अपने वैध कारोबार का इस्तेमाल कर कोडिनयुक्त सिरप की कालाबाजारी शुरू की। पहले तो इसने देश के विभिन्न राज्यों में अपना जाल बिछाया। इसके बाद अपना साम्राज्य और वर्चस्व कायम करने के लिए विदेशों की ओर रूख किया। ऐसे में मुस्लिम देशों को अपना सॉफ्ट टारगेट बनाया। जानकारों की मानें तो इस कारोबारी का पिछली सरकार से नजदीकी संबंध हैं। इस दौरान इसकी जिले में तूती बोलती थी। पुलिस और एफएसडीए ने नेक्सेज का फंडाफोड़ शुरू किया तो इसने जांच को प्रभावित करने के लिए कई प्रोपोगंडा शुरू किये। इतना ही नहीं पेड न्यूज के जरिये जांच एजेंसी को बदनाम करने की कोशिश की। अब यह पुलिस की राडार पर हैं, बहुत जल्द इसकी गिरफ्तारी हो सकती है। 

पहले देश के विभिन्न राज्यों में कोडिनयुक्त सीरप की अवैध सप्लाई की, फिर खाड़ी देशों को बनाया टॉरगेट
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने करीब दो माह पहले अवैध दवाओं और नशे के रूप में प्रयोग होने वाली दवाओं रोकथाम के खिलाफ प्रदेशभर में अभियान चलाया। इस दौरान एफएसडीए को कोडिनयुक्त सिरप की अवैध सप्लाई के कुछ मामले सामने आए। इस पर विभाग ने इसमें लिप्त फर्म के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की तो कोडिनयुक्त सिरप की अवैध सप्लाई की परतें खुलना शुरू हो गईं। जांच में सामने आया कि यह सारा खेल पश्चिम के एक बड़े कारोबारी द्वारा रचा गया था, जो कोडिनयुक्त सिरप को अवैध तरीके से सप्लाई करता था। इस सिरप का इस्तेमाल नशे के रूप में किया जाता था और इसे विदेशों सहित देश के कुछ राज्यों में तस्करी के लिए भेजा जाता था। इसके लिए उसने अपने वैध कारोबार के नेटवर्क का इस्तेमाल किया। कारोबारी ने सबसे पहले देश के विभिन्न राज्याें में कोडिनयुक्त सिरप की अवैध सप्लाई शुरू की। फिर अपना नेटवर्क का इस्तेमाल किया। यहीं से कारोबारी का बड़ा खेल शुरू हुआ। उसने अपना साम्राज्य बढ़ाने और वर्चस्व को बढ़ाने के लिए पश्चिम देशों खासकर खाड़ी देशों को अपना साफ्ट टारगेट बनाया। इन देशाें में कोडिनयुक्त सीरप की काफी डिमांड है। इसी का फायदा उठाते हुए पश्चिम का कारोबारी अपने साम्राज्य बढ़ाता चला गया। 

जांच को प्रभावित करने के लिए पेड न्यूज के जरिये चलावाए कई प्रोप्रोगंडा
उत्तर प्रदेश पुलिस और एफएसडीए की संयुक्त टीम ने कई महीने की मेहनत के बाद इस अवैध तस्करी के प्रमुख कारोबारी तक पहुंच गयी है। जांच टीम कारोबारी के लिखाफ पुख्ता सुबूत इक्ट्ठा कर रही है ताकि उसे कड़ी से कड़ी सजा दिलायी जा सके। सूत्रों की मानें तो कुछ दिनों में पश्चिम का यह कारोबारी पुलिस की गिरफ्त में होगा। इसकी गिरफ्तारी के बाद नेक्सेज कैसे शुरू हुआ, उसे कैसे विस्तार दिया गया, इसमें कौन-कौन शामिल है, पश्चिम देशों खासकर खाड़ी देशों में कोडिनयुक्त सिरप को किस तरह पहुंचाया जाता था आदि का खुलासा होगा। जांच एजेंसी को यह भी पता चला है कि इस बड़े कारोबारी ने जांच प्रक्रिया को भ्रमित करने के लिए मीडिया में कई प्रोपोगंडा अभियान चलाए। इसके लिए उसने पेड न्यूज का सहारा लिया, जिससे जांच टीम की छवि को खराब किया जा सके। जांच टीम ने पाया कि कारोबारी ने मीडिया संस्थानों में भ्रामक खबरें फैलाने के लिए कई यूट्यूबर्स को भारी भरकम रकम दी थी। इस कार्रवाई के जरिए कारोबारी ने अपने आप को सुरक्षित रखने की कोशिश की थी, जबकि असल में वह अवैध तस्करी में पूरी तरह से लिप्त था।

पश्चिम में सरकार की छवि बिगाड़ने और माहौल खराब करने को असमाजिक तत्वों को की फंडिंग
इस अवैध तस्करी के मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि कारोबारी का पश्चिमी देशों से गहरा नाता था। इसके तार केवल भारत तक सीमित नहीं थे, बल्कि विदेशों में भी इसकी पैठ थी। विशेषकर पश्चिमी देशों में। कारोबारी ने इन्हीं देशों में सप्लाई करने के लिए अपना नेटवर्क बनाया था। इन देशों में कारोबारी को कोडिनयुक्त सिरप की सप्लाई से काफी बड़ा मुनाफा होता था। पुलिस ने इस मामले में कई बड़े दस्तावेज और साक्ष्य भी जुटाए हैं, जो इस पूरे नेटवर्क को उजागर करने में मददगार साबित हो रहे हैं। इस कारोबारी के पिछली सरकार से भी गहरे संबंध हैं। सूत्रों की मानें तो पिछली सरकार में पश्चिम के जिलों में इसकी तूती बोलती थी। पश्चिम के कारोबारी ने सरकार की छवि बिगाड़ने और प्रदेश में माहौल खराब करने के लिए यहां के लोगों को भड़काया भी है। इसके लिए उसने उन्माद फैलाने वाले असमाजिक तत्वों को फंडिंग भी की, लेकिन उसकी कई बार की गई यह कोशिश नाकाम रही।

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