‘परियोजना तो आई लेकिन फोरलेन सड़क कहां गई पता नहीं’ धन के अभाव से व्याकुल लोग, रामनगर के गांवों की अजीब दास्तां
वाराणसी। गंगा पार श्री काशी विश्वनाथ धाम और गंगा आरती दर्शन के लिए फोरलेन सड़क की परियोजना पर काम होना था। इसके लिए चार ग्रामं सभा में जमीनों के खरीद बिक्री पर रोक भी लगी थी। अब इसके दो वर्ष बीत जाने पर भी यह परियोजना धरातल पर नहीं आ पाई है। लाग अपनी अन्य आवश्यकताओं के लिए जमीनों की खरीद-ब्रिकी नहीं कर पा रहे हैं।
दरअसल, गंगा उस पार के लोग भी काशी दर्शन के लिए आ सकें, इसके लिए राजघाट से सूजाबाद, डोमरी, व कोदोपुर होते हुए रामनगर तक 8.15 किमी लम्बी फोरलेन सड़क बननी थी। इसके लिए बाकायदा धनराशि भी जारी हुई, लेकिन काम केवल कागज पर हुआ। दो साल बाद भी यह परियोजना मूर्त रूप में नहीं आ पाई।
इन गांवो के लोग अपने आवश्कताओं जैसे पढ़ाई-लिखाई, शादी-विवाह, ईलाज आदि के लिए जमीनों की खरीद बिक्री नहीं कर पा रहे हैं। इस संबंध में अधिवक्ता गौतम कुमार सिंह ने कमिश्नर कौशल राज शर्मा से शिकायत की है। जिसे कमिश्नर ने संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को इसके निस्तारण का आदेश दिया है।
अधिवक्ता ने कमिश्नर से की शिकायत में कहा कि इन चार ग्राम सभाओं में जमीनों की बिक्री पर 31 मई 2023 तक रोक लगी थी। इसके बाद पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता कार्यालय ने जुलाई में एक बार फिर से तीन माह रोक की अवधि बढ़ाने का जिलाधिकारी से आग्रह किया था। गौतम कुमार सिंह ने बताया कि रोक तो बढ़ी नहीं लेकिन जमीन बिक्री की अनुमति नहीं दी जा रही है। लोगों को आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
इतना ही नहीं, इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के अधिकारी भी कुछ कहने अथवा बताने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने पूछा कि परियोजना की वर्तमान में स्थिति क्या है, लोगों को बताया जाए ताकि बाधा को दूर किया जा सके। कमिश्नर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शिकायती पत्र को जिलाधिकारी को प्रेषित करते हुए परियोजना और जमीनों की बिक्री से संबंधित शिकायत के निस्तारण का आदेश दिया है।
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