काशी की रहस्यमयी वाराही देवी : मानमंदिर घाट पर स्थित है माता का मंदिर, दर्शन से पूरी होती है भक्तों की सभी मनोकामनाएं, जानिये महात्म्य
रिपोर्ट: ओमकारनाथ
वाराणसी। काशी की आध्यात्मिक परंपरा में अनेक देवी-देवताओं के स्वरूप विद्यमान हैं। इनमें कुछ मंदिर अपनी रहस्यमय स्थापत्य कला, सीमित दर्शन और प्राचीन शक्ति साधना के कारण विशेष स्थान रखते हैं। दशाश्वमेध क्षेत्र के मानमंदिर घाट की संकरी गलियों में स्थित वाराही देवी मंदिर ऐसा ही एक दुर्लभ धाम है, जहां भक्तों को प्रतिदिन केवल डेढ़ घंटे के लिए ही दर्शन का अवसर मिलता है। यह मंदिर न केवल काशी की धार्मिक परंपरा का अभिन्न हिस्सा है, बल्कि शक्ति साधना के प्रमुख केंद्र के रूप में भी प्रसिद्ध है।

मंदिर के महंत कृष्णकांत दुबे बताते हैं कि वाराही देवी को भगवान विष्णु के वराह अवतार की शक्ति स्वरूपा माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि वे काशी की क्षेत्रपालिका, अर्थात् इस दिव्य नगरी की अदृश्य रूप से रक्षा करने वाली देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं। कहा जाता है कि शिव की नगरी काशी में शक्ति की स्थापना इसलिए की गई है, ताकि शिव–शक्ति के संतुलन से यह नगरी सदैव निर्मल और संरक्षित रहे। नौ दुर्गा, नौ गौरी और 64 योगिनियों की परंपरा इसी विश्वास की पुष्टि करती है। वाराही देवी का मंदिर उसी दिव्य धारा का महत्वपूर्ण केंद्र है।

इस मंदिर की सबसे अनोखी विशेषता इसका लगभग एक मंजिल भूमिगत ग्राउंड वास्तु है। देवी के प्रत्यक्ष दर्शन संभव नहीं हैं; श्रद्धालु ऊपर की ओर बने झरोखे से ही माता का दिव्य स्वरूप निहारते हैं। भक्तों का कहना है कि इस तरीके से दर्शन करने पर एक विशिष्ट ऊर्जा और अलौकिक अनुभूति होती है। धार्मिक ग्रंथों में वर्णित देवी का स्वरूप उग्र माना गया है। इसमें जंगली सूकर का सिर और स्त्री शरीर का अद्भुत मिलन। ऐसा स्वरूप शक्ति और संरक्षण दोनों का प्रतीक माना जाता है।

मंदिर प्रतिदिन भोर में मंगला आरती के बाद खुलता है, लेकिन आम भक्तों को दर्शन केवल सुबह 7 बजे से 8:30 बजे तक ही मिलता है। इसके बाद मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं और दिन भर दोबारा नहीं खुलते। जीवन में बाधाएं, मुकदमेबाजी, शत्रु बाधा, मानसिक क्लेश या अदृश्य शक्तियों से मुक्ति के लिए भक्त यहां विशेष रूप से प्रार्थना करने आते हैं।

वाराणसी और पूर्वांचल के अलावा असम, बंगाल, झारखंड और दक्षिण भारत से भी शक्ति उपासक बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं। मंदिर की रहस्यमयी संरचना, सीमित दर्शन और शक्ति साधना की मान्यता इसे न केवल भक्तों का आस्था केंद्र बनाती है बल्कि आध्यात्मिक शोधकर्ताओं और विद्वानों के लिए भी अध्ययन का विषय बनाती है।

काशी की दिव्य परंपरा में वाराही देवी मंदिर का महत्व केवल पूजा तक सीमित नहीं है। यह आध्यात्मिक अनुभव, रहस्य और शक्ति का अद्भुत संगम है। यहां दर्शन करने वाला प्रत्येक भक्त यही विश्वास लेकर लौटता है कि मां वाराही उसकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करेंगी और जीवन से सभी संकटों का नाश होगा।





