सूतक में कथा सुनाने का मामला : मोरारी बापू ने कहा- किसी को ठेस लगी हो तो मांगता हूं क्षमा, साथ में दे दी ये 'चेतावनी'!
वाराणसी। पत्नी के निधन के बावजूद सूतक काल में ही रामकथा का वाचन करने वाराणसी पहुंचे प्रख्यात कथावाचक मोरारी बापू संत समाज के निशाने पर आ गये हैं। वहीं इस मामले को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए मोरारी बापू ने व्यास गद्दी से ही सभी से क्षमा मांगी है। उन्होंने कहा कि अगर किसी को ठेस लगी है तो मैं इसके लिए क्षमा प्रार्थी हूं।
मोरारी बापू की कथा नगर के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में हो रही है। उन्होंने विवादों के बीच सभी से माफी मांगते हुए कहा कि आप सब बड़े हो, हम छोटे हैं। हम कथा करते रहेंगे। आप सब हमारे पूज्य हैं, हम आपके हैं और आपसे दुआ मांगते हैं। छोटी छौअी बातों पर हम विलग नहीं कर सकता। सब मेरे हैं।
वहीं उन्होंने यह भी कहा कि अग्नि में ज्यादा लकड़ी डालने से आग ज्यादा भड़कती है, मैं भी खुलासा कर सकता हूं। मेरे पास भी शास्त्र हैं।
बता दें कि पत्नी के निधन के तीन दिन बाद ही मोरारी बापू रामकथा कहने वाराणसी पहुंचे। इसके बाद उनके सूतक में होने और रामकथा कहने पर काशी के संतों और विद्वानों ने आपत्ति जताई है। मोरारी बापू का बयान इसी संदर्भ में सामने आया है।
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