हत्यारों ने काटी थी मेरे पिता की शिखा, अदालत ने बढ़ाया उसका मान

वाराणसी। माफिया सरगना मुख्तार अंसारी और उसके बड़े भाई सांसद अफजाल अंसारी को गाजीपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट से सजा के बाद स्व. कृष्णानंद राय के परिवार ने कहाकि लम्बी लड़ाई के बाद आज न्याय की जीत हुई है।
दिवंगत विधायक कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि हमारे पिता की 18 साल पहले हत्या हुई थी लेकिन मुख्तार अंसारी के खिलाफ हमारा संघर्ष 28 वर्षों का है। उन्होंने कहा कि आज का फैसला मेरी मां के लिए बहुत अच्छा दिन है। मेरी मां ने उनके खिलाफ लड़ाई लड़ते-लड़ते अपने जीवन के 30 साल गंवा दिए।
पीयूष ने कहा कि जब हमारे पिता की हत्या हुई तब उनकी शिखा भी काटी गई थी। वह मेरे पिता की नही एक समाज की शिखा काटी गई थी। आज उस शिखा का मान न्यायपालिका ने बढ़ाया है। उन्होंने सीएम योगी के लिए कहा कि उन्होंने ऐसे माफिया के खिलाफ जो इच्छाशक्ति दिखाई है, वह अगर पहले किसी ने दिखाई होती तो आज ऐसे दिन नहीं देखने पड़ते। गौरतलब है कि 25 नवंबर 2005 को स्व. कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की एके 47 से बर्स्ट फायरिंग कर हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या के बाद हत्यारे स्व. कृष्णानंद राय की शिखा (चुंडी) काटकर अपने आका को दिखाने ले गये थे। यह आका कोई और नही मुख्तार अंसारी था।
क्या था नंदकिशोर रूंगटा हत्या कांड
जनवरी 1997 में कोयला व्यापारी और विहिप के कोषाध्यक्ष नंदकिशोर रूंगटा का उसके घर से अपहरण कर फिर हत्या की गई थी। जानकारी के मुताबिक रूंगटा के परिवार से पांच करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की गई थी। परिवार ने 1.5 करोड़ भी दे दिए थे लेकिन बाद में रूंगटा की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मुख्तार अंसारी पर आरोप लगा था। इस मामले में उन पर गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज किया गया था।
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।