सरकार ने देश के करोड़ों गरीबों से छीन लिया काम का अधिकार, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. उदित राज ने मोदी सरकार पर मनरेगा को खत्म करने के लगाए आरोप 

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वाराणसी। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस (केकेसी) के राष्ट्रीय चेयरमैन डॉ. उदित राज ने मोदी सरकार पर मनरेगा को समाप्त करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा में पारित नए विधेयक के जरिए सरकार ने दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार गारंटी योजना मनरेगा की मूल आत्मा को खत्म कर दिया है और देश के करोड़ों गरीबों से उनका काम का अधिकार छीन लिया गया है। डॉ. उदित राज ने वाराणसी में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान सरकार को निशाने पर लिया। 

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उन्होंने कहा कि मनरेगा महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज, काम की गरिमा और विकेंद्रीकृत विकास की सोच का जीवंत उदाहरण था, जिसने दो दशकों तक करोड़ों ग्रामीण परिवारों को आजीविका की सुरक्षा दी। कोविड-19 महामारी के दौरान यह योजना ग्रामीण भारत के लिए लाइफलाइन साबित हुई, लेकिन 2014 के बाद से मोदी सरकार ने इसे योजनाबद्ध तरीके से कमजोर किया। बजट में लगातार कटौती, राज्यों का भुगतान रोकना, जॉब कार्ड हटाना और आधार आधारित भुगतान को अनिवार्य कर लगभग सात करोड़ मजदूरों को बाहर कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि नए फ्रेमवर्क के तहत मनरेगा को संविधान के अनुच्छेद 21 से जुड़े अधिकार आधारित कानून से हटाकर एक शर्तों वाली, केंद्र नियंत्रित योजना में बदल दिया गया है। जो पहले कानूनी अधिकार था, अब वह केंद्र की मर्जी पर निर्भर प्रशासनिक सहायता बन गया है। यह सुधार नहीं, बल्कि गांव के गरीबों से संवैधानिक अधिकार छीनने की साजिश है।

डॉ. उदित राज ने केंद्र सरकार पर संघीय ढांचे को कमजोर करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मनरेगा पहले पूरी तरह केंद्र पोषित योजना थी, लेकिन अब राज्यों पर लगभग 40 प्रतिशत खर्च डालने की तैयारी है, जबकि नियम, ब्रांडिंग और नियंत्रण केंद्र अपने पास रखेगा। यह वित्तीय धोखाधड़ी और संघवाद के खिलाफ है। साथ ही, रोजगार को समयबद्ध और सीमित कर मजदूरों को महीनों तक काम से वंचित किया जा सकता है, जो गरीबों को निजी खेतों में सस्ते श्रम के लिए मजबूर करने की साजिश है।

उन्होंने आरोप लगाया कि ग्राम सभाओं और पंचायतों के अधिकार छीनकर डिजिटल और केंद्रीकृत नियंत्रण व्यवस्था लागू की जा रही है, जिससे स्थानीय जरूरतों की अनदेखी हो रही है। मनरेगा की मांग आधारित प्रकृति को खत्म कर बजट सीमित योजना बना दिया गया है, जिससे बेरोजगारी और भूख से जूझ रहे राज्यों को सजा दी जा सके।

पत्रकार वार्ता में डॉ. उदित राज ने नेशनल हेराल्ड मामले का भी उल्लेख करते हुए कहा कि यह राजनीतिक बदले की कार्रवाई थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की मांग की। इस दौरान कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेन्द्र चौबे, अनिल श्रीवास्तव, प्रदेश प्रवक्ता सजीव सिंह, अमरनाथ पासवान, फसाहत हुसैन, डॉ. राजेश गुप्ता, सतनाम सिंह, राजीव राम, अरुण सोनी और वकील अंसारी समेत कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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